कानपुर : अखिलेश यादव के समर्थन में निषादों ने गंगा में चलाईं नावें

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद का दावा साबित हुआ खोखला!

कानपुर : अखिलेश यादव के समर्थन में निषादों ने गंगा में चलाईं नावें

कानपुर, 12 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश में निषादों के एकमात्र नेता का दावा करने वाले निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद का दावा कानपुर में खोखला साबित हुआ! यहां पर निषादों की बड़ी टोली अखिलेश यादव के समर्थन में दिखी। यही नहीं यह टोली गंगा किनारे बसे कटरी के गांवों से निकलकर गंगा में नावों को दौड़ाकर अखिलेश यादव से मिलने जाजमऊ गंगा पुल के पास विजय रथ यात्रा में पहुंची। यह देख जहां समाजवादियों में गजब का उत्साह देखा गया तो वहीं अखिलेश यादव भी उनसे गर्मजोशी से हाथ मिलाया।

सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में सत्ता की वापसी के लिए कानपुर से विजय रथ यात्रा निकालने का ऐलान किया था। इस विजय रथ यात्रा को लेकर कई दिनों से सपाई तैयारी कर रहे थे और निर्धारित समय के अनुसार मंगलवार को जाजमऊ गंगा पुल से सपा अध्यक्ष विजय रथ यात्रा में सवार हो गये। इस दौरान गंगा की उफनाती लहरों में जाजमऊ पुल की तरफ तेजी से दौड़ रही सपा का झण्डा लिए नावें आकर्षण का केन्द्र बन गईं। गंगा की तेज धारा में धारा की दिशा में तेजी से आ रही नावों और उसमें बैठे सपाइयों को देखकर लोगों की निगाहें गंगा पर जा टिकीं। जाजमऊ पुल के किनारे सभी नावें एकत्र हुईं और फिर अखिलेश यादव को समर्थन देने के लिए नाव सवार लोग विजय रथ की ओर बढ़ लिये। नावों से आ रहे लोगों को अखिलेश यादव ने भी हाथों-हाथ लिया और हाथ मिलाते हुए आभार जताया।


अखिलेश यादव के जाने के बाद पता चला कि नावों में आने वाले अधिकांश लोग गंगा किनारे कटरी गांवों के निषाद समाज के हैं। लक्ष्मीपुरवा, इन्द्रपुरवा के क्रमश: राम प्रसाद और हरीराम ने बताया कि अखिलेश को देखने के लिए आये हुए थे। जब उनसे पूछा गया कि आखिरकार नावों से आने का क्या मकसद था तो उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग से आने पर यातायात जाम की समस्या को झेलना पड़ता, इसीलिए नावों के जरिये गंगा किनारे बसे गांवों के लोग नाव से आना बेहतर समझे। उन्होंने यह भी बताया कि नावों में कुछ लोगों को छोड़कर अधिकांशतया निषाद समाज के लोग थे।