मोदी मंत्रिमंडल में दूसरी बार मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया, ली पद एवं गोपनीयता की शपथ
मोदी मंत्रिमंडल में दूसरी बार मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया, ली पद एवं गोपनीयता की शपथ
भोपाल/दिल्ली, 09 जून । एनडीए संसदीय दल के नेता नरेन्द्र मोदी ने रविवार देर शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी शपथ ली है। इनमें मध्य प्रदेश के गुना से नवनिर्वाचित सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हैं। उन्होंने केन्द्र में कैबिनेट मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
मप्र की गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से सांसद चुने गए ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी मंत्रिमंडल में दूसरी बार मंत्री बने हैं। उन्होंने साल 2001 में पिता माधव राव सिंधिया की मौत के बाद आकस्मिक रूप से राजनीति में प्रवेश किया था। अमेरिका के हार्वर्ड कॉलेज से ग्रेजुएशन, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए डिग्री हासिल करने के बाद ज्योतिरादित्य ने एक बैंकर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन 30 सितम्बर 2001 को अचानक उनके पिता माधवराव सिंधिया का एक विमान हादसे में निधन हो गया। इसके बाद ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली और अपने पिता की लोकसभा सीट गुना से चुनाव लड़ा। वहां से पहली बार संसद पहुंचे। इसके बाद 2004 के चुनाव में वे दूसरी बार सांसद चुने गए और 2007 में केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री बने। वर्ष 2009 के चुनाव में वे लगातार तीसरी बार जीते और वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बने।
ज्योतिरादित्य सिंधिया फिर, 2014 में भी चुनाव जीतने के बाद एक बार फिर मंत्री बने लेकिन साल 2019 उनके लिए कठिन समय रहा। गुना लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य को भाजपा के डॉ. कृष्णपाल सिंह यादव (केपी यादव) ने हरा दिया। इसके बाद वे खुद को उपेक्षित महसूस करने लगे। मार्च 2020 में उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ले ली। भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा और 2021 में उन्हें मोदी कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया। अब 2024 लोकसभा चुनाव में वह सिंधिया राजघराने की परंपरागत सीट गुना से भारी वोटों से चुनाव जीते और पांचवीं बार लोकसभा पहुंचे हैं। उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में लगातार दूसरी बार मंत्री बनाया गया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 01 जनवरी 1971 को महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता माधवराव सिंधिया भी केन्द्र में मंत्री रहे। गुना क्षेत्र से सांसद के रूप में उभरने के बाद ज्योतिरादित्य ने तत्कालीन केंद्र सरकार की सहायता से गुना क्षेत्र में बहुत से विकास कार्य किए जिसे जनता ने भी खूब सराहा। जनता के दिल में लोकप्रिय नेता की तरह सिंधिया ने अपना स्थान बनाया। सिंधिया हमेशा के लिए गुना के निवासियों के दिल में बस गए।