प्रदेश के 43 जिलों में 141 शिक्षाधिकारियों ने 246 स्कूलों की प्रातःकालीन सभा में एक साथ दी दस्तक
माध्यमिक शिक्षा का महाअभियान ‘नए सत्र में नया सवेरा’ का शानदार आगाज
प्रयागराज, 10 मई । यूपी बोर्ड के महाअभियान ‘नए सत्र में नया सवेरा’ का बुधवार को शानदार तरीके से आगाज हुआ। प्रदेश के 43 जिलों के 246 स्कूलों की प्रातःकालीन प्रार्थन सभा में 141 शिक्षाधिकारी एक ही समयावधि में शामिल हुए। राजकीय इंटर कालेज में पहुंचकर शिक्षाधिकारियों ने मोटिवेशन स्पीच दी। बच्चों को बदलते समय के परिप्रेक्ष्य में अपडेट किया। उन्होंने कहा कि युग परिवर्तित हो रहा है। शिक्षा का प्रारूप भी चेंज हो रहा है। प्रतियोगिता का दौर है। ऐसे में सबको अपनी दिशा को समय के साथ बदलते हुए नई चुनौती के सामने डट कर खड़े रहना होगा।
प्रयागराज में यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने प्रदेश के स्कूलों में शुरू हुए इस अभिनव कार्यक्रम का प्रारूप तय करके सभी शिक्षाधिकारियों को अपडेट किया। उन्होंने कहा कि नए सत्र में शुरुआती दौर से ही गुणवतापूर्ण शिक्षा पर सबको फोकस करने की जरूरत है।
गौरतलब है कि यूपी बोर्ड ने स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई के साथ भविष्य में अपने को और अपडेट करने के लिए एक नई पहल की है। बच्चों को संस्कारवान एवं रोजगार उन्मुख बनाने के लिए कालेजों में सुबह की प्रार्थना सभा में मोटिवेशनल कार्यक्रम का प्रारूप तैयार किया है। प्राथमिक स्तर पर प्रदेश के सभी जिलों के राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में इसकी शुरुआत की गई है। सभी शिक्षाधिकारियों से कहा गया है कि वे इन स्कूलों की प्रातःकालीन सभाओं में पहुंचे और बच्चों को प्रेरणादायक संस्मरण के साथ उनको भविष्य में उन्हें क्या करना इसके लिए प्रेरित करें। इन सभाओं में गुणवतापूर्ण शिक्षा और प्रतियोगिता के इस दौर में वह कैसे सफल हो इस पर फोकस रहेगा।
बुधवार को प्रदेश के 43 जिलों के 246 स्कूलों की सुबह की प्रार्थना सभा में 141 शिक्षाधिकारियों ने पहुंचकर बच्चों को संबोधित किया। प्रेरक संस्मरण सुनाया। बच्चों से सीधे संवाद किया। कहा कि वह अपने गुरुजनों से अपनी जिज्ञासा का समाधान बिना हिचक किया करें। खूब सवाल पूंछे, संवाद करें। प्रतियोगिता का जमाना है ऐसे में उसके लिए अभी से अपने को तैयार करें। पढ़ाई का कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में पढ़े और बेहतर स्वास्थ्य के लिए खूब खेले भी। बोर्ड सचिव ने बताया कि यह अभियान अब सतत चलेगा। जुलाई माह में ग्रीष्मावकाश के बाद भी सुबह शिक्षाधिकारी स्कूलों में पहुंचेंगे। सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में भी यह अभियान चलेगा।