ई वे बिल में वाहन नम्बर गलत होने पर पेनाल्टी लगाना अवैध करार
वाहन जब्ती व पेनाल्टी आदेश रद्द
प्रयागराज, 04 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मंशा टैक्स चोरी की न हो तो पेनाल्टी लगाया जाना विधि विरूद्ध है। कोर्ट ने कहा कि ई वे बिल में जब्त वाहन नम्बर के बजाय दूसरे वाहन का नम्बर लिखने में हुई टाइपिंग गलती के कारण नहीं कहा जा सकता कि मंशा टैक्स चोरी की थी।
कोर्ट ने वाहन जब्त कर पेनाल्टी लगाने के सहायक कमिश्नर व अपर कमिश्नर कामर्शियल टैक्स गाजियाबाद के आदेशों 29 अगस्त 19 व 24 मई 18 को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है और चार हफ्ते में तद्जनित आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ ने मेसर्स हिंदुस्तान हर्बल कास्मेटिक्स की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
मालूम हो कि याची फर्म ने कास्मेटिक सामान मेसर्स श्री साईं इंफोटेक झारखंड को पूरे टैक्स कागजात के साथ भेजा, जिसे कामर्शियल टैक्स स्क्वैड यूनिट गाजियाबाद ने ई वे बिल में दूसरा नम्बर दर्ज होने के आधार पर जब्त कर लिया और पेनाल्टी लगाई। जिसके खिलाफ अपील भी खारिज हो गई। जिस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। बहस की गई कि ई वे बिल पर टाइपिंग गलती से दूसरा नम्बर टाइप हो गया। किसी प्रकार की टैक्स चोरी नहीं की गई है। वाहन टैक्स इन-वाइस के साथ भेजा गया है। जिस वाहन में माल था उसका नम्बर 5332 था किंतु ई वे बिल पर 3552 टाइप था।
कोर्ट ने कहा यह छोटी टाइपिंग गलती है। इससे नहीं कहा जा सकता कि मंशा टैक्स चोरी की थी। इसलिए जी एस टी कानून की धारा 129 के तहत पेनाल्टी लगाना अवैध है।