नगर निगम में जीआईएस सर्वे निरस्त, स्व कर निर्धारण प्रणाली लागू

देश का पहला नगर निगम जहां यह योजना लागू : गणेश केसरवानी

नगर निगम में जीआईएस सर्वे निरस्त, स्व कर निर्धारण प्रणाली लागू

प्रयागराज, 24 जुलाई । नगर निगम की सदन में हुए ऐतिहासिक फैसले के तहत जीआईएस सर्वे को निरस्त कर दिया गया है। अब लोग स्वयं गृहकर का मूल्यांकन करके शपथ पत्र देंगे और उसी पर बिल जारी होगा। यह देश का पहला नगर निगम है, जहां स्वकर निर्धारण प्रणाली लागू होगी। इसकी काफी समय से मांग चल रही थी। बजट में महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखकर भी प्रावधान किए गए हैं। यह बातें महापौर गणेश केसरवानी ने कही।

बता दें कि, निगम की ओर से जीआईएस सर्वे कराया गया था। पहले चरण में 93 हजार से अधिक भवनों का सर्वे हुआ और उसी आधार पर गृहकर का निर्धारण किया गया था। जिसके कारण गृहकर में 25 फीसदी से अधिक की बढ़ोत्तरी हो गई। कई भवनों का तो 10 गुना तक गृहकर बढ़कर आया। अब बढ़े गृहकर एवं विसंगतियों को लेकर शहरियों को बड़ी राहत मिली है।


नगर निगम सदन की दूसरी बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। हालांकि, किसी ने गलत जानकारी दी तो उसे जुर्माने का भी भागी भी बनना होगा। सभी पार्षदों ने जीआईएस सर्वे को निरस्त करने एवं स्व गृहकर मूल्यांकन की व्यवस्था लागू करने के प्रस्ताव का समर्थन किया। इसी क्रम में सदन में दोनों प्रस्ताव मंजूर कर लिए गए।

यह व्यवस्था 2022-23 से लागू की जाएगी। जिन लोगों ने गृहकर जमा कर दिया है, लेकिन इससे संतुष्ट नहीं हैं, वे आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। महापौर गणेश केसरवानी ने इन प्रस्तावों को मंजूर किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गृहकर की अन्य विसंगतियों को भी दूर किया जाएगा। लोग आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। निर्धारित प्रारूप में स्व गृहकर मूल्यांकन का शपथ पत्र 31 अक्टूबर तक देना होगा। नगर निगम में शपथ पत्र देने पर तत्काल गृहकर निर्धारित कर बिल दे दिया जाएगा। इसे देखते हुए गृहकर में 10 प्रतिशत की छूट एवं ब्याज माफी योजना को भी 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दिया गया है।


वरिष्ठ पार्षद एवं भाजपा नगर निगम की मुख्य सचेतक किरन जायसवाल ने महापौर गणेश केसरवानी के नेतृत्व में ट्रिपल इंजन की सरकार द्वारा जीआईएस सर्वे को निरस्त कर जनता को स्वतः कर निर्धारण करने के अधिकार एवं जल मूल को समाप्त करने के निर्णय को अभूतपूर्व बताया है। पार्षद ने कहा कि एक दशक से जल संस्थान जल मूल्य की मनमानी वसूली कर रहा था और यह सर्वे के नाम पर भवन स्वामी प्रताड़ित हो रहे थे। अब जनता अपने मकान का स्वयं कर निर्धारण कर सकेगी रोज-रोज नगर निगम के जोन कार्यालय मे चक्कर लगाने से मुक्त करने का काम मिनी सदन द्वारा किया गया है।