मण्डल रेल प्रबंधक ने "रेल कर्मयोगी" प्रशिक्षण अभियान का किया शुभारम्भ

प्रयागराज में दो, कानपुर एवं अलीगढ़ में 1-1 ग्रुप चलाया जाएगा

मण्डल रेल प्रबंधक ने "रेल कर्मयोगी" प्रशिक्षण अभियान का किया शुभारम्भ

प्रयागराज, 11 मार्च। पिछले कुछ वर्षों में देश और रेल की सोच में लगातार बदलाव आ रहा है। जैसे स्वच्छता के प्रति हमारा नजरिया बदला है,उसी प्रकार ह्यूमन रिसोर्स के प्रति भी हमारी सोच निरंतर बदल रही है। रूल्स को फॉलो करने के साथ-साथ हमें अपने रोल को भी बेहतर तरीके से समझना होगा। यह बातें मंडल रेल प्रबंधक, प्रयागराज मोहित चंद्रा ने मंडल के सभागार में “रेल कर्मयोगी“ बनाने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रेल कर्मियों को सम्बोधित करते हुए कही।

उन्होंने आगे कहा कि हमारे वाणिज्य और परिचालन विभाग के विभिन्न पदों पर कार्य कर रहे कर्मचारी सीधे तौर पर रेलयात्री और व्यापारियों से संपर्क में आते हैं, अपने व्यवहार से वे रेल की छवि को और बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में सभी को आदर देना हमारी संस्कृति रही है, सभी को सम्मान देते हुए हमें अपने रोल को निभाना है।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि हमारे प्रशिक्षु इस मॉड्यूल को कोई एग्जाम या टेस्ट न समझें। इस मॉड्यूल के माध्यम से आप अपने आपको और बेहतर बनाएं जिससे कि न ही रेल सेवा बल्कि आप अपने घर एवं समाज में भी अपने आप को और बेहतर प्रस्तुत करें, इससे हमारी रेलवे की छवि भी बेहतर होगी। उक्त जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी अमित कुमार सिंह ने देते हुए बताया कि इस मॉड्यूल के माध्यम से वाणिज्य विभाग के लगभग 1700 फ्रंटलाइन स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण 10 मार्च से 14 अप्रैल तक प्रयागराज, कानपुर एवं टूंडला में दिया जाएगा। प्रयागराज में 2 ग्रुप तथा कानपुर एवं टूंडला में 1-1 ग्रुप के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक ग्रुप में 14 बैच के माध्यम से रेल कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 10 एवं 11 मार्च को 110 रेल कर्मियों ने अपना प्रशिक्षण प्रारम्भ किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत कुल आठ मॉड्यूल हैं, प्रत्येक दो मॉड्यूल के बाद एक एसेसमेंट किया जाएगा जो इल्यूमिनी नॉलेज रिसोर्सेस प्रा.लि मुम्बई द्वारा किया जाएगा।

अमित कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल आठ माड्यूल होगें। पहले माड्यूल में रेल कर्मयोगी कौन होता है और वे कैसे कार्य करता है। दूसरे माड्यूल में रेल कर्मियों को कौन सी बातें कर्मयोगी बनने के लिए प्रेरित करती हैं। तीसरे माड्यूल अच्छे कार्य करने से प्राप्त होने वाले फल को कैसे बढ़ाया जाए। चौथे माड्यूल कर्मयोगी का कार्य के प्रति क्या सोच एवं विचार होता है। पांचवें माड्यूल यात्रियों के रेल के प्रति विश्वास को कैसे बढ़ाया जाए। छठे माड्यूल ग्राहकों के प्रति मानवीय संवेदना रखना, इसमें ग्राहकों से उचित व्यवहार कैसे करें, यह बताया जाता है। सातवें माड्यूल ग्राहक तथा रेलकर्मी के बीच होने वाले विवाद को कैसे हैडिल किया जाए। आठवें माड्यूल हकों की अनकही बातों को पहले ही समझ लेना और उनकी समस्याओं को दूर करना।



इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक प्रयागराज मंडल विपिन सिंह ने कार्यक्रम समापन के अवसर पर कहा कि हमारा वाणिज्य विभाग का स्टाफ फ्रंटलाइन स्टाफ है जो ट्रेनों में टिकट चेक करते समय, यात्रियों द्वारा टिकट लेते समय, पार्सल या गुड्स बुकिंग करते समय यात्रियों के व्यापारियों से सीधे तौर पर बातचीत करता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी स्तर पर कहीं आलोचना भी होती है तो उस आलोचना को एक दर्पण के रूप में लेना चाहिए। इस अवसर पर अपर मण्डल रेल प्रबंधक सामान्य संजय सिंह सहित मण्डल के अन्य अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन रवि मोहन श्रीवास्तव, आरक्षण पर्यवेक्षक ने किया।