मां विंध्यवासिनी के कात्यायनी स्वरूप की झलक देख निहाल हुए श्रद्धालु

मां विंध्यवासिनी के जयकारे से गूंजा विंध्यधाम, भक्तों ने की त्रिकोण परिक्रमा

मां विंध्यवासिनी के कात्यायनी स्वरूप की झलक देख निहाल हुए श्रद्धालु

मीरजापुर, 11 अक्टूबर । शारदीय नवरात्र के षष्ठी तिथि पर सोमवार को मां विंध्यवासिनी के दर्शन को आस्थानों का हुजूम उमड़ पड़ा। ऊॅं कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि, नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम: मंत्रोच्चारण से विंध्यधाम गूंजायमान रहा। कात्यायनी स्वरूपा मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया। भक्तों ने विंध्य पर्वत पर विराजमान मां अष्टभुजा व मां काली का भी दर्शन कर त्रिकोण परिक्रमा की।

मंगला आरती के बाद से ही शुरू हुआ दर्शन-पूजन का दौर अनवरत चलता रहा। घंटा-घड़ियाल, शंख, नगाड़े की धुन के बीच भक्त मां विंध्यवासिनी के जयकारे लगाते रहे। षष्ठी की पूर्व संध्या पर विभिन्न वाहनों से आस्थाधाम पहुंचे श्रद्धालु होटल और धर्मशालों में ठिकाना बनाने के बाद मध्य रात्रि के बाद से ही गंगा घाटों की ओर निकल पड़े। पक्काघाट, दीवानघाट, गुदाराघाट समेत अन्य घाटों पर स्नान-ध्यान करने के बाद मंदिर की ओर बढ़े। नारियल, चुनरी, माला-फूल प्रसाद के साथ कतारबद्ध श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। मंगला आरती के बाद गर्भगृह का कपाट खुलते ही जयकारे के साथ ही दर्शन के लिए होड़ मच गई। कोई गर्भगृह तो किसी ने झांकी से मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया। फूलों से किया गया भव्य शृंगार का दर्शन पाकर श्रद्धालु निहाल हो उठे। मां का गुड़हल, गुलाब, कमल पुष्प से शृंगार किया गया भव्य श्रृंगार की छटा देखते ही बन रही थी। मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के बाद मंदिर परिसर पर विराजमान अन्य देवी-देवताओं को नमन किया। इसके बाद विंध्य पर्वत पर विराजमान मां अष्टभुजा व मां काली के दर्शन को निकल पड़े। मां अष्टभुजा व मां काली का दर्शन कर भक्तों ने त्रिकोण परिक्रमा की।

प्रजेंटेशन के माध्यम से दिखाई जा रही विंध्य कारिडोर की झलक

शारदीय नवरात्र मेले में दर्शन-पूजन करने के बाद भक्त रोडवेज परिसर में सूचना विभाग की ओर से लगाए गए सांस्कृतिक पंडाल में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ उठा रहे हैं। नवरात्र मेले में प्रत्येक दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। लोक कलाकर अपने गीतों से लोगोंं का खूब मनोरंजन कर रहे हैं। प्रजेंटेशन के माध्यम से विंध्य कारिडोर की झलक भी दिखाई जा रही है।

बदहाल सड़कें बनी मुसीबत

विंध्यधाम को जाने वाली अधिकांश सड़कें अभी भी क्षतिग्रस्त है। तमाम निर्देशों व चेतावनी के बाद सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई। सड़कों पर बेसुमार गड्ढें दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। कभी-कभी तो दो पहिया वाहन चालक इन गड्ढों में फंसकर गिर जाया करते हैं। यही नहीं, वाहन के पीछे चल रहे दूसरे वाहन सवार को धूल का सामना करना पड़ रहा है।