क्षतिग्रस्त पुल का निर्माण एवं यमुना किनारे गांवों में बनेगा बांध : सिद्धार्थ नाथ

क्षतिग्रस्त पुल का निर्माण एवं यमुना किनारे गांवों में बनेगा बांध : सिद्धार्थ नाथ

क्षतिग्रस्त पुल का निर्माण एवं यमुना किनारे गांवों में बनेगा बांध : सिद्धार्थ नाथ

प्रयागराज, 13 अगस्त । शहर पश्चिमी में क्षतिग्रस्त पुल का पुनः निर्माण एवं यमुना के किनारे गांवों में बांध बनेगा। यह बातें कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने शहर पश्चिमी के गांवों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के उपरांत कही।

मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह शुक्रवार को बक्शी मोड़ा, गोहठी करेंहदा, मदारीपुर और मैनापुर में विगत दिनों यमुना का जल स्तर बढ़ने से गांव में पानी भरने व आवागमन मार्ग बंद होने की खबर पर पहुंचे। जिला प्रशासन ने नावों को भेजकर आवगमन का साधन बना दिया था। दो दिनों से बारिश न होने से बड़ी तेजी से यमुना नदी से जलभराव घटने लग गया है। बक्शी मोड़ा में बारिश व बाढ़ से गिरे मकान को देखा। स्थानीय नागरिकों से संवाद भी किया।

इस दौरान सुनील कुमार गुप्ता, बसंती प्रजापति को राहत सामग्री दिया और अभय निषाद का घर गिरने पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास के लिए एसडीएम सदर को निर्देशित किया। करेंदहा गोहठी गांव में पीड़ित गांव वासियों ने बताया कि पुलिया न होकर रपटा बना हुआ है, जो काफी नीचे होने के कारण जब भी बारिश होती है तो रपटा के ऊपर पानी बहने के कारण आवागमन बंद हो जाता है।

उन्होंने तत्काल पीडब्ल्यूडी इंजीनियर को कहा कि पुल का प्रस्ताव बनाकर भेजें, यहां पर ऊंचा पुल बनेगा। बिसौना गांववासियों ने हर साल यमुना नदी का पानी से होने वाले नुकसान से रूबरू कराया। कहा हजारों किसानों की फसल डूब जाती है, ककरहा घाट यमुना के किनारे बांध बना दिया जाए तो समस्या का निराकरण हो जाएगा। किसानों के अनुरोध पर शहर पश्चिमी में यमुना के किनारे किनारे बांध बनाने का सिंचाई विभाग को आदेशित करते हुए जल्द प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। कहा कि योगी सरकार किसानों एवं ग्रामीणों की समस्याओं को निराकरण कराने में प्रतिबद्ध है।



मदारीपुर गांव में गांववासियों ने सिंगल लेन की सड़क से होने वाली कठिनाइयों से अवगत कराया। जिस पर पीडब्ल्यूडी अधिकारी को सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव शासन में भेजने को कहा। मैनापुर गांव में आयी बाढ़ से क्षतिग्रस्त पुल और धंसी सड़क का निरीक्षण किया। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से कहा कि स्थायी समाधान का मार्ग तलाशें जिससे भविष्य में गांववासियों को बाढ़ से कठिनाई न हो। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि शहर पश्चिमी का गांव काफी पिछड़ा इलाका था। पूर्व की सरकारों ने गांववासियों के लिए कुछ भी नहीं किया। अब 30-35 सालों की खाई पाटने का प्रयास कर रहा हूं।



इस मौके पर अनिल सिंह, कमलेश कुमार, राजू राय, रामलोचन साहू, देवेश सिंह, रमेश पासी, रामजी शुक्ला, प्रेम नारायण केसरवानी, ज्ञान बाबू केसरवानी, संजय श्रीवास्तव, मंजीत कुशवाहा, श्याम पाल, राजाराम पाल, श्रवण पाल, राजेश सिंह पटेल, रंजीव सिंह पटेल, राजेश सिंह, प्रदीप केसरवानी उर्फ शिब्बू, अंजनी यादव, कमलेश सिंह, सुरेश पासी, रामजी सोनकर, विपिन साहू सहित एसडीएम सदर, उपायुक्त उद्योग, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, पीडब्ल्यूडी अभियंता, थाना प्रभारी करेली, पिपरी, धूमनगंज पुलिस सहित उपस्थित रहें।