विवाहित बेटी को मृतक आश्रित में नियुक्ति देने से इन्कार करने पर जिविनि तलब
विवाहित बेटी को मृतक आश्रित में नियुक्ति देने से इन्कार करने पर जिविनि तलब
प्रयागराज, 21 जुलाई । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवाहित पुत्री को अनुकम्पा नियुक्ति देने से इनकार करने व इस सम्बंध में अदालत द्वारा दिए गए तमाम आदेशों की अनदेखी करने पर जिला विद्यालय निरीक्षक शाहजहांपुर को तलब कर लिया है। कोर्ट ने उनको उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है कि क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए।
शाहजहांपुर की माधुरी मिश्रा की याचिका पर न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने यह आदेश दिया। याची का कहना था कि उसके पिता बिनोवा भावे इंटर कॉलेज काठ शाहजहांपुर में सहायक अध्यापक थे। सेवाकाल में 25 मई 19 को उनकी मृत्यु हो गई। याची उनकी विवाहित पुत्री है। उसने अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति देने के लिए आवेदन किया था। जिसे जिला विद्यालय निरीक्षक ने निरस्त कर दिया। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए प्रकरण वापस डीआईओएस शाहजहांपुर को भेज दिया।
डीआईओएस ने 16 जून 2020 को पुनः याची का प्रत्यावेदन यह कहते हुए निरस्त कर दिया की ऐसा कोई शासनादेश नहीं है जिसके आधार पर विवाहित पुत्री को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए। अधिवक्ता का कहना था कि जिला विद्यालय निरीक्षक ने हाईकोर्ट द्वारा पारित उन तमाम आदेशों की अनदेखी की है जिनमें विवाहित पुत्री को भी परिवार की परिभाषा में शामिल किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि डीआईओएस का आदेश देखने से स्पष्ट है कि उन्हें अदालत के आदेशों की जानकारी थी। इसके बावजूद उन्होंने जान-बूझ कर उन आदेशों की अनदेखी की। कोर्ट ने डीआईओएस को अगली तारीख पर उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है।