त्रिदिवसीय प्रान्तीय प्रधानाचार्य कार्ययोजना बैठक का समापन
प्रधानाचार्य की भूमिका सेना में सेनापति की तरह : दिव्य कांत शुक्ल
प्रयागराज, 10 मई । विद्यालय में प्रधानाचार्य की वही भूमिका होती है जो सेना में सेनापति की होती है। वह विद्यालय के कार्यक्रमों की योजना बनाता है तथा उन योजनाओं को क्रियान्वित करता है। वह शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच कार्य का विभाजन करता है। विद्यालय की सफलता बहुत कुछ उसकी दक्षता उसकी कल्पनाशक्ति और उसके गुणों पर निर्भर करती है। यह बातें मुख्य अतिथि माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बुधवार को ज्वाला देवी इण्टर काॅलेज सिविल लाइन में प्रधानाचार्यों को सम्बोधित करते हुए कही। ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज में आयोजित त्रिदिवसीय प्रान्तीय प्रधानाचार्य कार्ययोजना बैठक के समापन दिवस पर उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य के व्यक्तित्व एवं आदर्शों की छाप विद्यालय के प्रत्येक कार्य पर पड़ती है। विद्यालय की प्रतिष्ठा बहुत कुछ प्रधानाध्यापक पर ही निर्भर करती है। इसीलिए प्रायः यह कहा जाता है कि जैसा प्रधानाचार्य वैसा ही विद्यालय।
अध्यक्षता करते हुए लोक सेवा आयोग के सदस्य हरेश प्रताप ने कहा कि योजनाओं का सतत् क्रियान्वयन हो सके, इसके लिए प्रधानाचार्यों का यह एक सामूहिक कार्यक्रम है। यहां पर इन तीन दिनों में आप लोगों ने विभिन्न शिक्षाविदों के मार्गदर्शन में जो भी योजनाओं का निर्माण किया है, निश्चित ही आप सब उसे वापस जाकर अपने विद्यालयों में क्रियान्वित करेंगे, जिससे कि विद्यालय नित-नूतन उपलब्धियों को प्राप्त करेगा।
विशिष्ट अतिथि संगठन मंत्री काशी प्रान्त डॉ. राम मनोहर ने प्रधानाचार्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानाचार्य दो प्रकार के होते हैं। पहला स्वकेन्द्रित तथा दूसरा प्रजातान्त्रिक। आज के वर्तमान समय में समाज को प्रजातान्त्रिक प्रधानाचार्य की आवश्यकता है जिसमें एक सफल प्रधानाचार्य को कुशल नेतृत्व कर्ता, सहयोगी स्वभाव, कुशल वक्ता, सकारात्मक सोच वाला होना चाहिए जिससे कि वह अपने सभी दायित्वों का निर्वहन अपने सहयोगियों के साथ कुशलतापूर्वक करके विद्यालय काे उन्नति के पथ पर अग्रसर कर सके।
द्वितीय सत्र में विभिन्न विद्यालयों की राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर विशिष्ट उपलब्धियां प्राप्त करने वाले प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया गया। अन्त में विद्यालय के प्रबंधक डॉ. संजय सिंह ने आये हुए सभी प्रधानाचार्यों एवं अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापन किया। इस अवसर पर शेषधर द्विवेदी, दयाराम यादव, जगदीश सिंह, राजेन्द्र बाबू, सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव सहित विभिन्न पदाधिकारी तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।