कोयला संकट पर मुख्यमंत्री ने की एनटीपीसी जीएम से बात, दो दिन में होगी कोयले की आपूर्ति
कोयला संकट पर मुख्यमंत्री ने की एनटीपीसी जीएम से बात, दो दिन में होगी कोयले की आपूर्ति
रायबरेली, 11अक्टूबर। विद्युत उत्पादन में कोयला की किल्लत के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ऊंचाहार के एनटीपीसी के जीएम से बात की। मुख्यमंत्री ने जारी बिजली संकट और कोयला आपूर्ति को लेकर विस्तृत समीक्षा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वीसी के बाद एनटीपीसी ऊंचाहार के जीएम कमलेश सोनी ने बयान जारी कर कहा है कि एनटीपीसी की बंद इकाई मेंटिनेंस के बाद चालू होगी और 2 से 3 दिनों में कोयले की आपूर्ति भी सामान्य हो जाएगी।
ऊंचाहार एनटीपीसी परियोजना से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तरांचल को बिजली की आपूर्ति की जाती है। पिछले कुछ समय से यहां पर कोयले का संकट बना हुआ है। बीते गुरुवार को सबसे अधिक विद्युत उत्पादन वाली छठीं इकाई को बंद कर दिया गया था। वहीं अन्य इकाइयों को आधे से कम भार पर चलाया जा रहा था। पिछले दो दिन से परियोजना में कोयले की एक भी रैक नहीं आई। इस पर परियोजना प्रबंधन को दूसरी ईकाई को भी बंद करना का निर्णय ले लिया। हालांकि दूसरी ईकाई बंद होने के कुछ ही देर बाद कोयले की दो रैक परियोजना आ गई। इससे अन्य इकाइयों पर बंद होने का संकट कुछ समय के लिए टल गया है।
यहां से सभी छह इकाईयों को संचालित करने के लिए चौबीस घंटे में 30 हजार मीट्रिक टन कोयले की खपत होती है। ऐसे में दूसरे-तीसरे दिन आने वाली एक या दो कोयले की रैंकों (8 से 10 हजार मीट्रिक टन) से परियोजना प्रभावित हो गई है। इसके चलते दूसरी इकाई को भी बंद करना पड़ा। जिम्मेदारों की माने तो दो नंबर इकाई को मरम्मत के लिए बंद किया गया है, जबकि हकीकत कुछ और ही है। 1550 मेगावाट की क्षमता, उत्पादन सिर्फ 779 मेगावाट
यह परियोजना 1550 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली है। एक नंबर से पांच नंबर इकाई तक 210-210 मेगावाट और छठीं इकाई पांच सौ मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली है। दो इकाइयों के बंद होने से अब महज 779 मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है।