पश्चिम बंगाल की घटना को लेकर उबाल,बोले सामाजिक कार्यकर्ता ममता तुम्हें माफी नहीं मिलेगी
पश्चिम बंगाल में जेहादियों के हैवानियत से इंसानियत शर्मसार,विरोध में फूंका पुतला
वाराणसी, 24 मार्च । पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में जेहादियों ने महिलाओं और बच्चों को घर मे बन्द कर जिंदा जला दिया। तड़प–तड़प कर महिलाएं और छोटे–छोटे बच्चे जिंदा जलकर राख हो गये। मानवता को शर्मसार कर देने वाली इस घटना से काशी में लोगों में उबाल है। गुरुवार को विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउण्डेशन के कार्यकर्ताओं ने लमही स्थित सुभाष मंदिर के सामने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंक कर आक्रोश जताया। फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि जेहादियों ने पहले ही कहा था कि पश्चिम बंगाल में तालिबानी शासन लाएंगे, अब जेहादियों की कट्टरता आजाद भारत के लिए कलंक बन चुकी है और इसके लिए जेहादियों को खुली छूट देने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदार है। जिस तरह से पश्चिम बंगाल में 12 लोगों को कमरे में बन्द करके जिंदा जला दिया गया, यह तालिबानी सोच को बताता है। कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश के घुसपैठियों ने अब भारतीयों पर जुल्म ढाना शुरू कर दिया है। नफरत वाली राजनीति का दुष्परिणाम आना शुरू हो गया है।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि ममता की ममता महिलाओं और बच्चों के लिए नहीं है। ममता बनर्जी को बच्चों की लोमहर्षक हत्या के लिए जिम्मेदार मानते हुए सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। चुनाव जीतने की लिए देश की सुरक्षा को दांव पर लगाने वाली ममता बनर्जी को बच्चों के फूंके जाने का क्या गम है। आग से जलते तड़पते बच्चों की सिसकियां पूरा देश सुन रहा है, लेकिन ममता, राहुल, प्रियंका, अखिलेश को नहीं सुनाई दे रही है। सेक्युलर नेताओं की जमात जिहादियों की गुलाम बन चुकी है। तंज कसते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि अब बंगाल नहीं जाएंगे घड़ियाली आंसू बहाने। बच्चों की हत्या से सभी को तकलीफ है सिवा जिहादियों के समर्थकों के। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव ने कहा कि जिहादियों के हवाले पश्चिम बंगाल को कर दिया गया है, महिलाओं और बच्चों को खुलेआम दरवाजा बन्द कर जिंदा जलाया जा रहा है, ताकि बच्चों की चीख सुनाई न दे। वीरभूमि जिला जिहादियों के आतंक का गवाह बन चुका है। देश के लोग चुपचाप तमाशा नहीं देख सकते। पुतला दहन में अर्चना भारतवंशी,नजमा परवीन, डाॅ. मृदुला जायसवाल, इली भारतवंशी, खुशी भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, प्रभावती आदि शामिल रही।