लेफ्टिनेंट ऋषि की शहादत से शोक में डूबा बेगूसराय, गिरिराज सिंह ने किया नमन
22 नवंबर को आने वाले थे बहन की शादी में लेकिन पहले ही आ रहे हैं तिरंगे में लिपट कर
बेगूसराय, 31 अक्टूबर । एक ओर लोग दीपावली और छठ की तैयारी कर रहे हैं, बेगूसराय में भी दीए जलाने की तैयारी हो रही है। इस बीच बेगूसराय के एक दीए ने जम्मू-कश्मीर में अपनी शहादत दे दी। शनिवार की रात बेगूसराय जिला मुख्यालय निवासी लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार के मात्र 22 वर्ष की उम्र में शहादत की खबर मिलते ही हर ओर शोक की लहर फैल गई है। शहीद ऋषि के घर बेगूसराय से लेकर पैतृक गांव लखीसराय जिले के पिपरिया तक शोक फैल गई है। दूसरी ओर तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हर ओर ऋषि छा गए हैं, लोग विभिन्न तरीके से उनकी शहादत को सलाम कर रहे हैं।
बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ऋषि की शहादत को सलाम किया है। उन्होंने कहा कि लखीसराय के पिपरिया के मूल निवासी और बेगूसराय में बसे राजीव रंजन जी के लेफ्टिनेंट पुत्र ऋषि रंजन जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए हैं। यह पूरे परिवार और क्षेत्र के लिए बहुत पीड़ा दायक है, उनकी बहादुरी को सलाम। ईश्वर परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दें, ॐ शान्ति। इसके अलावा भी तमाम राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, देशप्रेमी और युवा अलग-अलग तरीके से ऋषिकेश की सर्वोच्च शहादत को नमन कर रहे हैं। रात में सूचना मिलते ही सबसे पहले पूर्व मेयर संजय कुमार, वरिष्ठ जदयू नेता सुदर्शन सिंह, युवा जदयू जिलाध्यक्ष सौरभ कुमार एवं नगर पार्षद प्रतिनिधि उमेश ठाकुर समेत सैकड़ों लोग घर पर जुटे गए तथा परिजनों को सांत्वना दे कर दे रहे हैं।मूल रूप से लखीसराय जिला के पिपरिया निवासी और बेगूसराय जिला मुख्यालय में जीडी कॉलेज के समीप आवास बनाकर रह रहे राजीव रंजन सिंह के इकलौते पुत्र लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार ने एनडीए से पासआउट कर पिछले वर्ष सेना में ज्वाइन किया तथा एक महीना पहले उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर के राजौरी जिला के नौशेरा सेक्टर में हुई थी।
शनिवार की शाम लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के समीप गश्त कर रहे थे। इसी दौरान अचानक विस्फोट हो जाने से पूरी टीम घायल हो गई, सभी को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने ऋषि कुमार एवं एक अन्य को सेना के कोर अस्पताल उधमपुर के लिए रेफर कर दिया। सेना के कोर अस्पताल उधमपुर ले जाने के दौरान रास्ते में ही ऋषि कुमार सहित दोनों की मौत हो गई। रात में सेना के कमांडिंग अफसर द्वारा मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया है। बेटी के शादी की तैयारी कर रहे परिजन पुत्र के अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट गए हैं। रविवार की दोपहर तक पार्थिव शरीर जम्मू कश्मीर से बेगूसराय पहुंचने की संभावना है, उसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिजनों ने बताया कि 29 नवंबर को ऋषि कुमार के बहन की शादी होनी थी, इसके लिए उन्होंने छठ में ही छुट्टी लेने की कोशिश किया। लेकिन एक दिन पहले सूचना दी थी कि छठ में छुट्टी नहीं मिलेगी, अब 22 नवंबर को घर आएंगे तथा बहन की शादी के बाद उसे विदा कर पुनः अपने कार्यस्थल पर लौट आएंगे। लेकिन घर आने के निर्धारित तिथि से 22 दिन पहले ही मां भारती की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दे दिया और तिरंगा में लिपट कर घर आ रहे हैं।