विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पूर्व प्रधानमंत्री ने श्रमिकों पर की पुष्पवर्षा, दिया मान
जमीन पर बैठ कर पूछा हाल, खिचाई सामूहिक फोटो, श्रमिक आह्लादित
वाराणसी, 13 दिसम्बर । श्री काशी विश्वनाथ धाम के ऐतिहासिक लोकार्पण के पूर्व सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धाम निर्माण करने वाले श्रमिकों का सम्मान कर नई इबारत लिखी। प्रधानमंत्री ने श्रमिकों पर पुष्प वर्षा कर पूरे आदर के साथ उनहें सम्मान दिया।
सम्मान पाकर श्रमिकों के आंखें खुशी से डबडबा आई। आदर मान पाकर श्रमिक गदगद रहे और प्रधानमंत्री के प्रति कृतज्ञता जताते हुए देर तक ताली भी बजाते रहे। खास बात रही कि श्रमिकों के बीच जाकर प्रधानमंत्री जमीन पर बैठे और उनके साथ फोटो खिंचाई।
प्रधानमंत्री ने दरबार में कुर्सी पर न बैठ कर बाबा विश्वनाथ के प्रति अगाध सम्मान दिखाया। जहां कहा जाता है कि बाबा स्वयं विराजमान है तो कोई कुर्सी पर नही बैठ सकता। इसके बाद प्रधानमंत्रीे संतों केे संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए।
इसके पहले प्रधानमंत्री ने ललिताघाट पर गेरूआ वस्त्र धारण कर पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गंगा में पुष्प अर्पित कर भगवान सूर्य को जल देने के बाद प्रधानमंत्री पूरे आस्था के साथ कलश में गंगा जल भर पैदल जेटी पर पहुंचे। यहां गीला वस्त्र बदलने के बाद नया वस्त्र परम्परागत धोती, कुर्ता, रेशमी दुपट्टा धारण कर प्रधानमंत्री कार से गंगाजल कलश लेकर मंदिर चौक तक गये।
फिर डमरूओं के निनाद के बीच लोगों का अभिवादन विनम्रता से स्वीकार करते हुए रेड कारपेट पर चलकर बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में हाजिरी लगाई। अपने संकल्प को मूर्त रूप लेने पर प्रधानमंत्री ने
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बेहद खास रेवती नक्षत्र और रवि महायोग में आदि विशेशर के पावन ज्योर्तिलिंग पर गंगा जल सहित पवित्र नदियों के जल,केशर से जलाभिषेक किया। उनके प्रति अपार आस्था दिखाई। श्री काशी विद्यत परिषद के मार्ग दर्शन में मंदिर के अर्चक पं.श्रीकांत मिश्र,डॉ नागेन्द्र पांडेय,पं.ओमप्रकाश मिश्र आदि ने मंत्रोच्चार के बीच बाबा का षोडशोपचार पूजन कराया । पूजन अर्चन के बाद प्रधानमंत्री ने बाबा से राष्ट्र उन्नति, विश्व कल्याण, के लिए मानस प्रार्थना किया और परिसर में पूज्य औषधीय पौधों का रोपण किया।