बांग्लादेश का कुख्यात जल्लाद शाहजहां भुइयां नहीं रहा
बांग्लादेश का कुख्यात जल्लाद शाहजहां भुइयां नहीं रहा
ढाका, 25 जून बांग्लादेश का सबसे कुख्यात जल्लाद शाहजहां भुइयां 74 वर्ष की आयु में दुनिया को छोड़ गया। एक साल पहले ही उसे जेल से रिहा किया गया था। शाहजहां ने बांग्लादेश के सीरियल किलर, युद्ध अपराधों के दोषी विपक्षी नेताओं और तख्तापलट की साजिश रचने वालों को फांसी पर चढ़ा चुका है। जेल से रिहा होने के बाद शाहजहां ने 96 पन्नों की एक किताब भी लिखी। इसमें उसने जल्लाद के रूप में अपने अनुभव को साझा किया। यह किताब बांग्लादेश के सबसे बड़े पुस्तक मेले में बेस्ट सेलर रही। यह जानकारी बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र ढाका ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में दी।
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, बंगबंधु के छह हत्यारों सहित 26 दोषियों को फांसी देने वाले 74 वर्षीय जल्लाद शाहजहां भुइयां को 'जोलाड शाहजहां' के नाम से जाना जाता है। सोमवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे राजधानी ढाका के शहीद सुहरावर्दी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। शेर-ए-बांग्ला नगर थाने के जांच अधिकारी सोजिब डे के अनुसार सीने में दर्द शुरू होने के बाद उसे सुबह करीब साढ़े तीन बजे इस अस्पताल में ले जाया गया था।
शाहजहां भुइयां का जन्म 26 मार्च 1950 को हुआ था। उनके एक भाई और तीन बहनें थीं। इनमें से दो की मृत्यु हो चुकी है। युवावस्था के दौरान लंबा समय जेल में बिताने के बाद वह अविवाहित रहे। हालांकि, अपनी रिहाई के बाद उसने एक युवा महिला से शादी की, लेकिन यह शादी टिक नहीं पाई। इस मामले पर उन्हें कानूनी जटिलताओं का भी सामना करना पड़ा। 31 साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद शाहजहां को 18 जून, 2023 को रिहा किया गया था। शाहजहां को डकैती, हत्या और शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन के दो मामलों में 42 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। उसे पहली बार 17 दिसंबर 1991 को गिरफ्तार किया गया था।
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, शाहजहां का जेल में कैदी नंबर 2589/ए था। उसने अपनी सजा कम करने के लिए जेल अधिकारियों के सामने जल्लाद बनने की इच्छा व्यक्त की थी। उसने नुरुल इस्लाम को गफरगांव में फांसी देकर जल्लाद के रूप में अपना जीवन शुरू किया। इसके बाद शाहजहां को मानिकगंज जिला जेल से ढाका सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां उसे मुख्य जल्लाद का पद दिया गया।
जेल रिकार्ड के अनुसार, जल्लाद शाहजहां ने 26 व्यक्तियों को फांसी दी। इनमें बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के छह हत्यारे और चार युद्ध अपराधी, कुख्यात अपराधी इरशाद शिकदर, उग्रवादी नेता बंगला भाई और अताउर रहमान सनी, शर्मिन रीमा हत्याकांड के आरोपी खुकु और मोनिर शामिल थे।