डॉक्यूमेंट्री फिल्म इंडिया: हू लिंक द फ्यूज के प्रसारण पर लगी रोक बरकार

हाई कोर्ट ने अल जजीरा मीडिया नेटवर्क न्यूज चैनल सहित सभी पक्षकारों को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का और मौका दिया

डॉक्यूमेंट्री फिल्म इंडिया: हू लिंक द फ्यूज के प्रसारण पर लगी रोक बरकार

प्रयागराज, 7 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म इंडिया: हू लिंक द फ्यूज के प्रसारण पर लगी रोक को बरकरार रखा है। साथ ही अल जजीरा मीडिया नेटवर्क प्रा.लि. न्यूज चैनल दोहा (कतर) सहित केंद्र एवं राज्य सरकार को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का एक और मौका दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुधीर कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

कोर्ट ने इसके पहले भारत सरकार व राज्य सरकार को आदेश का पालन करते हुए सामाजिक सौहार्द कायम रखने व राज्य हितों की सुरक्षा के कदम उठाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सभी विपक्षियों से याचिका पर जवाब मांगा था। लेकिन, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पक्षकारों की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। इस पर कोर्ट ने चार सप्ताह का समय दिया है।

मामले में याची का कहना था कि 2015 में भारत में पांच साल के लिए अलग जजीरा चैनल प्रसारण पर रोक लगी थी। चैनल ने इस फिल्म के प्रसारण की घोषणा की है। यदि अनुमति दी गई तो देश की कानून व्यवस्था प्रभावित होगी। धार्मिक उन्माद व घृणा फैलेगी। देश के पंथनिरपेक्षता का ताना-बाना नष्ट होगा। लोक शांति भंग होगी। इस फिल्म में मुस्लिम समाज का पोलराइजेशन होगा। फिल्म सच से काफी दूर मनगढ़ंत कथानक पर आधारित है।

कोर्ट ने कहा था संविधान का अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है। यह मौलिक अधिकार है। किंतु यह अनियंत्रित नहीं है। तर्क संगत प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

सरकार को अनुच्छेद 19(2) के अंतर्गत देश व समाज हित में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नियंत्रित करने का अधिकार है। इस फिल्म से सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा।