सीमापर लाकर वेश्यावृत्ति में धकेली गई बांग्लादेश की किशोरी को बीएसएफ ने वापस भेजा

आशिक की सूचना पर पीड़ित किशोरी की मां ने भी बांग्लदेश में की थी घुसपैठ

सीमापर लाकर वेश्यावृत्ति में धकेली गई बांग्लादेश की किशोरी को बीएसएफ ने वापस भेजा
कोलकाता, 23 जून । बांग्लादेश की एक 17 वर्षीय किशोरी और उसकी मां के लिए सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान फरिश्ता बनकर सामने आए। बीएसएफ ने बांग्लादेश से लाकर यहां कोलाकाता में वेश्यावृत्ति में धकेली गई नाबालिग किशोरी और उसकी मां को बार्डर गार्ड बांग्लादेश के अधिकारियों का सौंप दिया।
  
दरअसल, नौकरी के नाम पर नाबालिग किशोरी को बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल लाकर उत्तर दिनाजपुर के पंजीपाड़ा इलाके में वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेल दिया गया था। बिल्कुल एक फिल्म की कहानी की तरह, मिथुन नाम का एक युवक अमूमन उस लड़की के पास जाया करता था। उसकी दुखभरी कहानी सुनकर बांग्लादेश में उसकी मां को फोन कर सब कुछ बताया था। बेटी को बचाने के लिए उसकी मां भी अवैध तरीके से सीमा पार कर पश्चिम बंगाल आ गई थी और उत्तर दिनाजपुर के पंजीपाड़ा के गांव प्रधान की मदद से अपनी बेटी को दलालों के चंगुल से मुक्त कराया।

बुधवार को दोनों मां-बेटी गैर कानूनी तरीके से सीमा पार कर रहे थे। तभी बीएसएफ के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया। किशाेरी की मां ने बीएसएफ अधिकारियों को पूरी कहानी बताई। उसने बताया कि उसकी 17 वर्षीय किशोरी 16 जनवरी 2021 को घर से लापता हो गई थी, जिसकी रिपोर्ट बांग्लादेश के ढाका स्थिति पल्लवी मीरपुर में दर्ज कराई गई थी। मां ने बताया कि कालू नाम के एक दलाल ने ब्यूटी पार्लर में नौकरी दिलाने के नाम पर उसे गैरकानूनी तरीके से सीमा पार कराया था और डेढ़ लाख रुपये में मोहम्मद अली नाम के एक भारतीय दलाल को बेच दिया था। 
इस कहानी की सच्चाई पता करने के लिए बीएसएफ के अधिकारियों ने सीमा पर तैनात बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के अधिकारियों से संपर्क साधा और उन्हें नाबालिग सहित उसकी मां को सौंप दिया।  
इस संबंध में 99वीं वाहिनी के कमांडिंग ऑफिसर रवि कांत ने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ और मानव तस्करी को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल मुस्तैद है। अपराध में लिप्त लोगों के खिलाफ कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
कुछ बांग्लादेशी लोगों को उनके अपराध के प्रति मानवीय आधार और दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के आपसी सद्भावना के चलते बांग्लादेश को सौंपा जा रहा है। सीमा सुरक्षा बल की इस प्रकार की कार्यवाही से बंग्लादेशी दलालों के खिलाफ भी बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को कड़ी कानूनी कार्यवाही करने में भी मदद मिल रही है।