ब्राह्मणों का उत्पीड़न करने में सपा की नकल कर रही भाजपा : सतीश मिश्रा
बसपा के प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने ब्राह्मणों को किया सचेत
बलिया, 20 अगस्त। बलिया में बहुजन समाज पार्टी(बसपा) ने ब्राह्मणों को साधने के लिए शुक्रवार को प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी आयोजित की। इस मौके पर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने ब्राह्मणों को संदेश दिया कि उनका हितैषी बसपा ही है। उन्होंने सपा और भाजपा दोनों को एक साथ निशाने पर लिया। कहाकि भाजपा सरकार ब्राह्मणों का उत्पीड़न करने में सपा की नकल कर रही है।
प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी में सतीश मिश्रा ने भृगु बाबा के जय के साथ संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि बलिया वीरों की धरती है। चित्तू पाण्डेय और मंगल पांडेय को नमन करते हुए कहा कि बलिया क्रांति की धरती है। मुझे उम्मीद है कि यहां के लोग यूपी में ब्राह्मण और दलितों का उत्पीड़न करने वालों को सबक सिखाएंगे। ब्राह्मण समाज का कोई व्यक्ति मारा जाता है तो यह सरकार अपनी पीठ थपथपाती है। इसलिए ऐसे लोगों को हटाकर मायावती को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनाएं। इनका हिसाब मायावती ही ले सकती हैं।
कहा कि ब्राह्मणों को बेइज्जत किया जा रहा है। लेकिन ब्राह्मण समाज चुप बैठने वालों में से नहीं है। कहा कि कमलेश तिवारी को मरवा दिया गया। क्योंकि वे ब्राह्मण समाज के लोगों की आवाज उठाते थे। किस तरीके से रायबरेली में पांच युवा ब्राह्मणों को मारा गया और जला दिया गया। मैं वहां गया था। इस सरकार के मंत्री कहते हैं कि ये ब्राह्मण समाज के अपराधी हैं।
कहा कि ब्राह्मणों को बेइज्जत किया जा रहा है। लेकिन ब्राह्मण समाज चुप बैठने वालों में से नहीं है। कहा कि कमलेश तिवारी को मरवा दिया गया। क्योंकि वे ब्राह्मण समाज के लोगों की आवाज उठाते थे। किस तरीके से रायबरेली में पांच युवा ब्राह्मणों को मारा गया और जला दिया गया। मैं वहां गया था। इस सरकार के मंत्री कहते हैं कि ये ब्राह्मण समाज के अपराधी हैं।
कहाकि इसके बाद गोरखपुर और लखनऊ में अधिवक्ता को मारा गया। बिकरू कांड में जिनका विकास दूबे से कोई लेना देना नहीं था, उन्हें भी मारा गया। कानपुर के मामले में आधा दर्जन ब्राह्मण मारे गए। सत्रह साल के लड़के को मार दिया गया। कहां-कहां से उठाकर लाकर मारा गया। इस मामले में सौ ब्राह्मणों को नामजद किया गया। पचास से ज्यादा ब्राह्मण समाज के लोग जेल में हैं। कानपुर कांड में खुशी दूबे का क्या दोष था? उठा ले गए। जेल में डाल दिया गया। लखनऊ से आदेश हुआ कि खुशी दूबे को पेरोल नहीं मिलना चाहिए,जबकि वह कोरोना से बीमार थी। उसकी बेल खारिज करा दी गई। यही नहीं लखनऊ में विनय तिवारी की गाड़ी रोककर अधिकारी ने सीने में गोली मार दी गई। मिर्जापुर में ब्राह्मण समाज के नाबालिग बच्चों को मार दिया गया। सीबीआई जांच भी नहीं कराई गई। कहा कि पूरे यूपी में ये ब्राह्मण समाज पर हमलावर हैं। यह पहले सपा सरकार में ही देखने को मिलता था। कन्नौज इसका उदारहण है।
बसपा नेता ने कहा कि यूपी सरकार ने नौजवानों को दो करोड़ नौकरी देने की बात कही थी। लेकिन वोट लेकर कुछ नहीं किया। कहा, हर वर्ष डेढ़ से दो करोड़ नौकरियां कम हो रही। सार्वजनिक उपक्रम को चुनिंदा लोगों को कौड़ियों के दाम दे रहे। जहां ठेके पर नौकरी मिलेगी। नौजवानों ने नौकरी पूछा तो पकौड़ा बेचने को कहते हैं। झूठे वादे कर आए थे। मंदिर के नाम पर वोट लिया। नोट भी लिया। चंदे पर सवाल खड़े हुए।
वाराणसी को लेकर भी सतीश मिश्रा ने भाजपा पर हमला बोला। कहा कि पर्यटक स्थल के नाम पर विध्वंस कर दिया गया है। प्राण प्रतिष्ठा वाली मूर्तियों को हटा दिया। बहुत मंदिर तोड़ दिया। बाबा विश्वनाथ के दर्शन करना मुश्किल हो गया है। बनारस के घाटों को खत्म कर दिया गया। हजारों करोड़ रुपये कहां लगा रहे, कुछ पता नहीं। ये लोग आस्था के नाम पर वोट तो मांगते हैं पर आस्था के लिए कुछ नहीं करते।
सोलह प्रतिशत ब्राह्मण जिसे चाहेंगे उसी की सरकार बनेगी
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्र ने ब्राह्मणों से न बंटने की अपील की। कहा कि यूपी में सोलह प्रतिशत ब्राह्मण हैं। ब्राह्मण एक हों तो सरकार बना सकते हैं। सतीश मिश्र ने बसपा के 2007 से 2012 के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जिसकी जितनी संख्या भारी की जगह जिसकी जितनी तैयारी, उतनी हिस्सेदारी के नारे पर मायावती ने बल देकर 2007 में सरकार बनाई थी। कहा कि बसपा के 23 प्रतिशत वोट के साथ 16 प्रतिशत ब्राह्मणों का वोट, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ा को मिलाकर चालीस प्रतिशत से ऊपर वोट के साथ सरकार बनाई थी। पन्द्रह मंत्रालय ब्राह्मण समाज के लोगों को दिया गया था। डीजीपी, मुख्य सचिव और महाधिवक्ता बनाया गया। मुझे राज्यसभा में सत्रह साल से नेता बनाया है। लोकसभा में भी रितेश पाण्डेय को नेता बनाया है।
हर चुनाव से पहले दूसरे दलों के नेता दलितों की झोपड़ियों में घर से ले जाकर खाना खाते हैं। लेकिन मायावती फरेब की राजनीति नहीं करतीं। वे झोपड़ी से निकाल कर पक्के मकान देती हैं। प्रदेश में आज भी सिर्फ मायावती के ही कार्य दिखते हैं। इसके अलावा सपा और भाजपा की सरकारों में प्रदेश में सिर्फ हिंसा और दंगे दिखते हैं। ब्राह्मण समाज का आह्वान किया कि सचेत हो जाइए। आपके बसपा के साथ इकट्ठा होने से सपा और भाजपा में बौखलाहट है।
बसपा के प्रबुद्ध वर्ग कार्यक्रमों से दूसरे दलों में खलबली : उमाशंकर
विधानसभा में बसपा विधानमंडल दल के उपनेता उमाशंकर सिंह ने कहा कि जब से सतीश चंद्र मिश्रा ने जब से प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठियों की घोषणा की बाकी दलों में खलबली मच गई। बसपा में बहन मायावती के बाद दूसरे नम्बर के नेता सतीश मिश्रा ही हैं। 2007 में ब्राह्मण समाज के साथ देने से सरकार बनी थी। तब ब्राह्मणों को सम्मान मिलता था। बसपा सरकार में सबसे अच्छे मंत्रालय ब्राह्मणों को मिलते थे। उमाशंकर सिंह ने सपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन पर निशाना साधा। कहा कि दूसरे दल सिर्फ वोट लेते हैं, भागीदारी नहीं दिला पाते।
अपने अपमान का बदला लेगा ब्राह्मण समाज : नकुल
पूर्व मंत्री नकुल दूबे ने सवाल किया कि 2017 के बाद ब्राह्मण समाज का अपमान हुआ। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज अब अपने अपमान का बदला लेगा। 2022 में हम अपने अपमान का बदला सूद सहित लेंगे।
इस अवसर पर डा. मदन राम, करुणाकर पाण्डेय, संतोष राम, केशरीनन्दन त्रिपाठी, दीनबंधु शर्मा, भारतेन्दु चौबे, राजकुमार गौतम, अंगद मिश्रा फौजी, उपेन्द्र पाण्डेय, इंदल राम, पप्पू तिवारी, राजेश मिश्रा, अवध बिहारी चौबे, जितेंद्र भारती आदि ने संबोधित किया। संचालन केशरीनन्दन त्रिपाठी ने किया।