अखिलेश यादव की घोषणा, किसान आंदोलन में मारे गये लोगों के परिजनों को सरकार बनने पर देंगे 25 लाख
उधर तीन नए कृषि कानूनों की वापसी के लिए केन्द्रीय कैबिनेट की लगी मुहर, इधर सपा प्रमुख ने की घोषणा
लखनऊ, 24 नवम्बर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीन नए कृषि कानूनों की वापसी के बाद विपक्ष विशेषकर समाजवादी पार्टी में ज्यादा बौखलाहट दिख रही है। बुधवार को उधर केन्द्रीय कैबिनेट ने कानूनों की वापसी पर मुहर लगाई, इधर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों को यूपी में अपनी सरकार बनने पर 25 लाख रुपये देने की घोषणा की।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के सम्मान में उनके परिजनों को यूपी में 2022 में सरकार बनने पर 25 लाख रुपये की 'किसान शहादत सम्मान राशि' देने का एलान किया है। अखिलेश यादव ने बयान जारी कर कहा कि किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो 'अन्य' के जीवन के लिए 'अन्न' उगाता है। हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की किसान शहादत सम्मान राशि दी जाएगी।
जिस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन नए कृषि कानूनों के वापसी की घोषणा की थी, उस दिन भी समाजवादी पार्टी सहित सभी विपक्षी पार्टियों ने प्रेस वार्ता की और इसे चुनावी हार को देखकर वापसी की घोषणा करार दिया। अखिलेश यादव ने इसे किसानों की जीत बताया। साथ ही आगाह किया था कि भाजपा वाले चुनाव बाद पुन: कानून बना सकते हैं।
किसान आंदोलन को शुरू हुए एक वर्ष पूरा हो चुका है। इस अवधि में कथित रूप से करीब सात सौ किसानों की शहादत हुई है। किसानों की मांग है कि अब सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी मंजूरी दे और अब तक जितने भी किसानों के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में मुकदमें दर्ज किए गए हैं। उन्हें वापस ले।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर सभी मोर्चों पर भीड़ बढ़ाने की पहल शुरू कर दी है। सोमवार को लखनऊ की महापंचायत में ताकत दिखाने के बाद किसानों ने कुंडली बॉर्डर पर भीड़ जुटानी शुरू कर दी है। इसके लिए सोशल मीडिया पर लगातार अपील की जा रही है। तीन कृषि कानून रद्द होने की घोषणा से किसानों में एमएसपी समेत अन्य मांगों के पूरा होने की उम्मीद जगी है।