किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर ने सद्भावना यात्रा रवाना किया
कनाडा से अन्नपूर्णा की प्रतिमा आने पर किन्नर अखाड़ा ने की सराहना
प्रयागराज, 15 नवम्बर । किन्नर अखाडा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी सोमवार को प्रयागराज पहुंचे। उन्होंने राष्ट्रीय सनातन सेना उप्र प्रयागराज द्वारा सनातन धर्म और राजनीतिक दलों द्वारा ब्राह्मणों को उचित भागीदारी की मांग को लेकर निकाली गयी सद्भावना यात्रा को झण्डी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारा देश सनातन राष्ट्र की ओर आगे बढ़े, इसके लिए जो भी संस्थाएं काम कर रही हैं किन्नर अखाड़ा उनके साथ है। राष्ट्रीय सनातन सेना के साथ बड़ी संख्या में नवयुवक जुड़े हैं और किन्नर अखाड़ा भी यही चाहता है कि नवयुवक मिलकर सनातन धर्म को आगे बढ़ाते हुए देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प लें।
यात्रा का नेतृत्व राष्ट्रीय सनातन सेना के मुख्य संरक्षक अभय नारायण पाण्डेय ने किया। उन्होंने कहा कि आज भी सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार प्रसार ब्राह्मण ही कर रहे हैं। लेकिन उनको उचित राजनीतिक भागीदारी नहीं दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि राजनीति दलों से हक के लिए ब्राह्मण समाज के लोग सड़क पर उतरे हैं और आंदोलन तेज होगा। यह सद्भावना यात्रा शहर उत्तरी विस के सभी प्रमुख बाजारों से होते हुए सिविल लाइंस के पत्थर गिरिजाघर पर खत्म हुई।
किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर ने वार्ता के दौरान कहा कि लगभग 108 वर्ष पूर्व चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा दोबारा कनाडा से लाकर वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथ के नजदीक स्थापित किए जाने का किन्नर अखाड़े ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतिमा को दोबारा लाकर स्थापित किए जाने का किन्नर अखाड़ा स्वागत करता है और ऐसे प्रयासों की सराहना भी करता है।
उन्होंने कहा कि वाराणसी में दोबारा जगत जननी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा स्थापित होने से श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। आततायियों ने हमारे सनातन धर्म और धर्म चिन्हों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। आज ब्रिटिश म्यूजियम हमारे धर्म के प्रतीकों और चिन्हों से भरा पड़ा है। उन्होंने कहा कि बहुत सारी अन्य प्रतिमाएं भी हैं जो विदेशों के म्यूजियम में रखी हैं, उन्हें भी वापस लाकर स्थापित किया जाना चाहिए। जो लोग इस प्रयास में जुटे हुए हैं उन्हें साधुवाद है। उन्होंने कहा कि देश में बेशकीमती मूर्तियों को चोरी कर ब्लैक मार्केट में बेच दिया गया था और आज जब इन मूर्तियों को दोबारा स्थापित किया जा रहा है। इससे बड़ी खुशी की बात कुछ नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार का भी साधुवाद है और जो भी सनातन धर्म के लिए खड़ा होगा किन्नर अखाड़ा हमेशा उसके साथ खड़ा रहेगा।