प्रयागराज- कोरोनाकाल में डॉक्टर भी हारे 'जिंदगी की जंग'
कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को जिंदगी देने वाले डॉक्टर खुद अपनी ही जिंदगी की जंग हार गए हैं। प्रयागराज में दूसरी लहर में करीब 30 डॉक्टरों की अबतक जान जा चुकी है। इनमें कई राष्ट्रीय स्तर के डॉक्टर शामिल हैं। इन डॉक्टरों को कोविड के समय सही इलाज नहीं मिल पाया। इन के अलावा चार डॉक्टरों की मौत दूसरी बीमारियों से हुई है। मरनेवाले 28 डॉक्टर तो मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से ही पढ़े थे। जिनमें से कई डॉक्टर को तो वेंटिलेटर तक नसीब नहीं हुआ। सीनियर डॉक्टरों के अलावा कई प्रतिभाशाली डॉक्टरों को भी कोरोना ने हमसे छीन लिया। इनमें चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ सुदीप वर्मा और डॉक्टर भरत अरोरा प्रमुख हैं। भरत अरोरा शहर के जाने माले डॉक्टर थे। डॉ सुदीप वर्मा के बारे में बताते हैं वो RSS से जुड़े हुए थे और राम मंदिर के लिए हुए धन संग्रह में उनका काफी योगदान रहा था।