“कोरोना कहर में मददगार : सोनू सूद”: डॉ. रीना रवि मालपानी
कोरोना युद्ध में तुम तो बनकर आए मददगार।
मानवीय धरातल पर इस कहर में किया अनुकूल व्यवहार॥
कई रुकती धड़कनों को तुमने बनाया जीवंत।
सच्चे अर्थो में तुम ही हो वेदनापाठी महंत॥
कोरोना कालाबाजारी में जब सामने आए कई स्वार्थी।
कृष्ण की शिक्षा अनुरूप तुम तो बने सारथी॥
ईमान बेचकर जिस समय प्रत्यक्ष आए कई दानव रूप।
उस विकट परिस्थिति में तुम तो बने दानवीर देवता का स्वरूप॥
कोरोना कहर का संग्राम चल रहा है सब ओर।
तुमने तो पहुँचाई संजीवनी और दी नई भोर॥
कई पीड़ितों की कश्तीयों को दिया तुमने किनारा।
माँ भारती के लाल को जरूरत पड़ने पर दिया सहारा॥
बेबस लाचार मासूमों को अपनों से मिलाया।
तुम्हारा यह स्वरूप हम सबके मन को भाया॥
कोरोना काल के मसीहा स्वरूप सदैव रखेगा जमाना याद।
अपने हर प्रयास से तुमने सुनी जरूरतमंदो की फरियाद॥
कोरोना त्रासदी में तो इंसानियत भी जब चरमराई।
तुमने एक मददगार की हर समय भूमिका निभाई॥
कई असहाय जरूरतमन्द जब लगा रहे थे गुहार।
जीवन के रंगमंच का सच्चा अभिनेता सुन रहा था निरंतर पुकार॥
बेड, मेडिसिन और ऑक्सीज़न की भी दूर की समस्या।
मानवता की सेवा में सराहनीय है तुम्हारी तपस्या॥
जिस विषम परिस्थिति में मर रहा था लोगो का जमीर।
डॉ. रीना कहती, तुमने तो दुआएं बटोरकर खुद को कर लिया और भी अमीर॥
डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)