कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए तैयारियों का आगाज

जिले के अस्पतालों में पीडियाट्रिक वार्ड संचालन के लिए प्रशिक्षण शुरू

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए तैयारियों का आगाज
वाराणसी, 25 जून (हि.स.)। कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग हरसंभव तैयारी करने में जुट गया है । पांडेयपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के सभागार में बाल रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स एवं कोविड-19 वार्ड में कार्यरत अन्य कर्मचारियों का शुक्रवार से छह दिवसीय प्रशिक्षण की शुरूआत हो गई। 
 
प्रशिक्षण सत्र का शुभारम्भ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह व प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ वी शुक्ला ने संयुक्त रूप से किया। प्रशिक्षण के दौरान तीसरी लहर आने पर प्रभावित बच्चों को कैसे इलाज देकर बचाया जाए, इसकी ट्रेनिंग चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ संतोष, यूपीटीएसयू से भावना बिष्ट एवं रजनीकान्त दुबे ने दी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के निर्देश पर कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए एवं बच्चों के उपचार, प्रबंधन आदि के लिए पीडियाट्रिक कोविड केयर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण दो-दो बैच में छह दिन तक चलेगा। जिसमें जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों के बाल रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स स्टाफ शामिल है। 
 
उन्होने बताया कि यह प्रशिक्षण विशेषकर एल-2 व एल-1 (प्लस) चिकित्सा इकाइयों के चिकित्सकों, स्टाफ नर्स व पैरा मेडिकल स्टाफ को दिया जा रहा है। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ वी शुक्ला ने बताया कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को लेकर शासन पूरी तरह से गम्भीर है। इसकी तैयारी पहले से ही की जा रही है। चिकित्सालयों में बच्चों के उपचार की व्यवस्था के लिए सभी तैयारियां की जा रही हैं।
 
प्रशिक्षण शिविर में ट्रेनर ने कोरोना प्रभावित बच्चों के लक्षणों को बताया 
 
प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षकों (ट्रेनर) ने पीड़ित बच्चों में लक्षण, खतरे के चिन्हों आदि के बारे में जानकारी दी गयी। इसके साथ ही वार्ड में भर्ती बच्चों के लिए लगने वाले उपकरण के प्रयोग के सम्बंध में तथा किस उम्र के बच्चों में कितना ऑक्सीजन देना है, के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई। ऑक्सीजन लेवल की जानकारी के लिए पल्स ऑक्सीमीटर बच्चों में कैसे लगाना है आदि की जानकारी दी गयी। इसके साथ ही इन्फेक्शन, प्रीवेंशन एवं कंट्रोल (आईपीसी) प्रोटोकॉल के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
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प्रशिक्षण एसीएमओ डॉ पीपी गुप्ता एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ अतुल सिंह के पर्यवेक्षण में किया जा रहा है। लखनऊ से ट्रेनिंग लेकर आए विशेषज्ञ जनपद के चिकित्सा अधिकारियों एवं इससे सम्बंधित अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।