अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में विशेषज्ञ कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट
इस निष्कर्ष पर पहुंच पाना संभव नहीं होगा कि मौजूदा नियामक तंत्र (सेबी) की विफलता रही हैः रिपोर्ट
नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में गठित विशेषज्ञ समिति ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अभी तक सेबी की सफाई और उपलब्ध डेटा के आधार पर कमेटी के लिए इस निष्कर्ष पर पहुंच पाना संभव नहीं होगा कि मौजूदा नियामक तंत्र (सेबी) की विफलता रही है।
कमेटी ने कहा है कि सेबी की तरफ से की जा रही जांच अभी जारी है। कमेटी ने कहा है कि अभी तक की जांच में सेबी को अडाणी ग्रुप के खिलाफ केस नजर नहीं आ रहा है। हालांकि अडाणी से जुड़ी 13 विदेशी संस्थाओं पर पूरी रिपोर्ट मिलना अभी बाकी है। 2018 में नियमों में हुए बदलाव से विदेशों से जानकारी जुटाने में सेबी को समस्या आ रही है।
कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी को अपने आंतरिक सिस्टम से अडानी पर चार रिपोर्ट मिली है। इनमें दो रिपोर्ट हिंडनबर्ग से पहले और दो रिपोर्ट बाद की हैं। इस बारे में की गई जांच में सेबी ने अडानी की ओर से कोई गड़बड़ी नहीं पाई। हालांकि कमेटी ने कहा है कि सेबी के पास काफी शक्तियां हैं, पर उसे और बेहतर बनाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर की जांच के लिए सेबी को 14 अगस्त तक का समय दिया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि रिपोर्ट देखने के बाद 30 सितंबर तक जांच खत्म करने पर आदेश दिया जा सकता है। कोर्ट ने कहा था कि शेयर बाजार के कामकाज में सुधार पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट सभी पक्षों को दी जाएगी। विशेषज्ञ समिति के सुझाव पर गर्मियों की छुट्टियों के बाद 11 जुलाई को सुनवाई होगी।