ट्रिपल आईटी में ह्यूमन रोबोट इंटरेक्शन पर कार्यशाला शुरू
ट्रिपल आईटी में ह्यूमन रोबोट इंटरेक्शन पर कार्यशाला शुरू
प्रयागराज, 06 अगस्त । भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज के सेंटर ऑफ इंटेलिजेंट रोबोटिक्स (सीआईआर) द्वारा आयोजित ह्यूमन रोबोट इंटरेक्शन (एचआईआर) पर दो दिवसीय कार्यशाला शनिवार को झलवा परिसर में शुरू हुआ।
ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रो. आर.एस वर्मा ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि हार्डवेयर के क्षेत्र में काफी सटीकता हासिल हुई है। मशीनों की प्रोग्रामिंग सीखने के सम्बंध में इसका महत्व बहुत बढ़ गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को नए विचारों को सीखने और ह्यूमन रोबोट इंटरेक्शन में गुणवत्तापूर्ण ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस मौके पर उन्होंने सीआईआर लैब का भी उद्घाटन किया।
आईआईटी दिल्ली के प्रो.सुबीर साहा ने रोबोटिक्स और कोबोट (सहयोगी रोबोट) पर बोलते हुए कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें वह और उनकी टीम शोध कर रही है। उन्होंने आईआईटी दिल्ली में किए गए विभिन्न शोध कार्यों और वहां आयोजित विभिन्न रोबोटिक्स प्रतियोगिताओं से प्राप्त अनुभवों को साझा करके प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। इस संदर्भ में आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित पीयर रोबोटिक्स स्टार्टअप और आईआईटी दिल्ली में एक स्टार्टअप कम्पनी बॉटलैब डायनेमिक्स प्रमुख हैं।
उन्होंने आई-हब फाउंडेशन ऑफ कोबोटिक्स (आई-एचएफसी) की शुरुआत का उल्लेख करते हुए बताया कि यह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित आईआईटी दिल्ली की एक प्रौद्योगिकी नवाचार हब पहल है। जहां चिकित्सा, कृषि, उद्योग और रक्षा क्षेत्र में परियोजनाएं संचालित हैं।
प्रो. जी.सी नंदी, अध्यक्ष, सीआईआर ने कहा कि रोबोट और बुद्धिमान प्रणालियों के साथ बातचीत करने के लिए मानव की आवश्यकता ने हाल ही में अधिक रुचि खींची है। उन्होंने सीआईआर लैब के शुरुआत वर्ष 2001 से अब तक किये गए शोध कार्यों की चर्चा की। प्रो. यू एस तिवारी एवं प्रो. पवन चक्रवर्ती ने ट्रिपल आईटी में आईटी से सम्बंधित क्षेत्रों पर प्रकाश डाला। प्रो. विजयश्री तिवारी, कुलसचिव ने कार्यशाला के आयोजन के लिए सीआईआर टीम को बधाई दी एवं डॉ राहुल काला ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
उद्घाटन सत्र के बाद प्रो0 जीसी नंदी ने प्रतिभागियों को सामाजिक और सहयोगी रोबोटिक्स की अवधारणा पेश की। पहली बार प्रतिभागियों ने कक्षा में वास्तविक रोबोट को काम करते देखा। जहां उनमें से कुछ को रोबोट के साथ बातचीत करने का अवसर भी दिया गया। उन्होंने केंद्र में और दुनिया भर में अन्य रोबोटिक्स परियोजनाओं के बारे में भी उल्लेख किया, जिससे छात्रों में इसके प्रति उत्साह बना।
सीएमईआरआई के डॉ.रंजीत ने हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सिस्टम के विनिर्देश के साथ स्वदेश में विकसित ऑटोनॉमस मोबाइल रोबोट के कामकाज का प्रदर्शन किया। आईआईटी कानपुर के प्रो. आशीष दत्ता ने सम्पर्क कार्यों के लिए रोबोट नियंत्रण के बारे में बात करते हुए ऐसी कई परियोजनाओं पर चर्चा की। डॉ. शंभुनाथ नंदी, सीएमईआरआई ने ऐसे रोबोटों से निपटने के दौरान पानी के भीतर रोबोटिक्स और मानव रोबोटिक्स इंटरैक्शन पहलुओं पर वार्ता की। आयोजकों ने लैब में रोबोट के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किया।