महाराष्ट्र: वर्षा जनित हादसों में अबतक 149 लोगों की मौत, 64 लापता

एनडीआरएफ व भारतीय सेना ने बचाया 2,29,074 लोगों की जान

महाराष्ट्र: वर्षा जनित हादसों में अबतक 149 लोगों की मौत, 64 लापता

 महाराष्ट्र में वर्षा जनित हादसों में अब तक 149 लोगों की मौत हो चुकी है और 50 लोग घायल हैं। भारी बारिश से हुए हादसों में अभी भी 64 लोग लापता हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एनडीआरएफ)की 25 टीम, राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) की 06 टीम, भारतीय सेना की 10 टीम, भारतीय तटरक्षक दल की 03 टीम ने राज्य के 11 जिलों में राहत व बचाव कार्य करते हुए अब तक 2,29,074 को सुरक्षित बचा लिया है।

रायगढ़ की जिलाधिकारी निधि चौधरी ने ग्रामीणों के विरोध के मद्देनजर सोमवार से तलिए गांव में शव को ढूंढने का काम रोक दिया है। उन्होंने कहा है कि लापता लोगों को मृत घोषित करके उनके परिजनों को आर्थिक मदद दी जाएगी। उधर, ग्रामीणों का कहना है कि मलबे से जो शव निकाले जा रहे हैं, वह काफी विक्षिप्त मिल रहे हैं। इसी को लेकर हम लोग विरोध कर रहे हैं।

आपदा नियंत्रण कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले में 60 लोगों की मौत हुई है और 28 लोग घायल हुए हैं जबकि 35 लोग लापता हैं। यहां 33 जानवर भी मरे हैं। रत्नागिरी में 21 लोगों की मौत हुई है व सात लोग घायल हैं जबकि 14 लोग लापता हैं। यहां 115 जानवर मर गए हैं।

इसी तरह कोल्हापुर में सात लोगों की मौत, एक लापता व 27 जानवरों की मौत हुई है। सातारा जिले में 41 लोगों की मौत, 09 लोग लापता तथा 3041 जानवरों की मौत हुई है। सांगली जिले में 16 जानवरों की मौत हुई है। सिंधुदूर्ग में दो लोगों की मौत, 02 घायल और एक व्यक्ति लापता है। मुंबई में चार लोगों की मौत व सात लोग घायल हैं। पुणे में दो लोगों की मौत और 6 जानवरों की मौत हुई है। ठाणे जिले में 12 लोगों की मौत, छह लोग घायल और चार लोग लापता हैं। यहां 10 जानवरों की मौत हुई है। इस तरह वर्षा जनित हादसों में अब तक कुल 149 लोगों की मौत, 50 लोग घायल और 64 लोग लापता हैं। इन हादसों में 3248 जानवरों की और 17,300 मुर्गियों की मौत हुई है।



जानकारी के अनुसार रत्नागिरी जिले से 1200, सातारा में 7530, ठाणे में 6930, कोल्हापुर में 40882, सांगली में 1,69,998, पुणे में 263, रायगढ़ में 1000 और सिंधुदूर्ग जिले में 1271 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। बाढ़ व हादसों में प्रभावित लोगों के लिए राज्य सरकार की ओर से पांच जगह रहने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। यहां से प्रभावितों को भोजन, पानी व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।