रामनगरी में भक्ति का ज्वार... श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम

श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए लालायित, सामने से एक झलक पाने की आस

रामनगरी में भक्ति का ज्वार... श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम

अयोध्या, 23 जनवरी । रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम, श्रीराम जय राम जय जय राम... श्रीराम जय राम जय जय राम... श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब देश के करोड़ों लोगों की आस सामने से एक झलक पाने की है। भक्तों के चेहरों पर श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। आस्था की हिलोर ऐसी है कि रामधुन में मगन भक्तों को और कुछ नहीं दिखाई दे रहा। जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा वातावरण गुंजायमान है। राम सीता के भजन, रासलीला के रंग, भक्तों का संगीत, नृत्य गीत हर पल एक याद बनकर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो रहा है।

अयोध्या में इस वक्त रामभक्तों का महासागर उमड़ा हुआ है। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए लालायित हैं। हर चेहरे पर आस्था का उजाला झलक रहा है, हर आवाज में 'जय श्री राम' और 'सियापति श्रीरामचंद्र जी की जय' का जयघोष गूंज रहा है। सभी भक्ति के रंग में सराबोर हैं। श्रीराम मंदिर और उसके आसपास मानव समुद्र का दृश्य दिखाई दे रहा है। राम दरबार, सरयू नदी के तट, हनुमान गढ़ी, कनक भवन, राम की पैड़ी हर तरफ श्रद्धालुओं का ज्वार उमड़ रहा है। राम नाम का स्मरण हर सांस में व्याप्त है। श्रद्धालुओं की संख्या की दृष्टि से 23 जनवरी 2024 का दिन भी ऐतिहासिक रहा। रामलला का दर्शन करने वालों की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या मानी जा रही है। आस्था का ज्वार इस कदर था कि भोर के चार बजे से कतारबद्ध श्रद्धालु दोपहर दो बजे रामलला का दिव्य दर्शन कर पाएं। इतनी भीड़ के बावजूद लोगों के चेहरे पर जरा भी थकान नहीं दिखाई दे रही थी। सर्द व कोहरे के बीच आस्था के दम पर वे निरंतर लक्ष्य की ओर बढ़ते जा रहे थे। आस्था के जमघट में बाजार भी सज्जित रहा।

श्रृंगार की अलौकिक पोशाक धारण कर रखी है रामनगरी

श्रीराम जन्मभूमि से लेकर सरयू के तट तक पूरा शहर एक दिव्य रंग में रंगा हुआ है। रामनगरी अयोध्या श्रृंगार की अलौकिक पोशाक धारण कर रखी है। हर गली, हर चौराहा, हर मंदिर और आश्रम राममय है। गलियों को रंग-बिरंगे झंडों से सजाया गया है, जिन पर 'जय श्रीराम' और 'रामलला हम आए हैं' जैसे नारे लिखे हैं। घरों-दुकानों और मंदिरों के बाहर रंगोली बनाई गई हैं, जो रामकथा को जीवंत कर रही है।

भक्ति की लौ जला रहा श्रीराम मंदिर

दिव्य श्रीराम मंदिर अपने आप में कला का अद्भुत नमूना है। शक्तिनगरी विंध्य क्षेत्र और राजस्थान की गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित यह भव्य भवन भक्ति की लौ जला रहा है। मंदिर के शिखर सोने की परत से चमक रहे हैं। मंदिर के गुंबदों और स्तंभों को सुगंधित पुष्पों की रंगीन मालाओं से सजाया गया है। गुलाब, चंपा, मोगरा, बेला, गेंदे के फूल मंदिर की पवित्र हवा को सुगंधित कर रहे हैं। राम मंदिर को फूलों और रंगीन लाइटों से सजाया गया है। रात में जब आकर्षक लाइट मंदिर को जगमगाते हैं तो अयोध्या नगरी स्वर्ग के समान प्रतीत होती है।

भक्ति के साथ सख्ती भी



अपने आराध्य की झलक पाने को बेताब रामभक्तों की भीड़ इतनी है कि व्यवस्था चरमरा गई है। सुरक्षा व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए भक्ति के साथ सख्ती भी बरती जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने रामभक्तों से अपील की है कि वे धैर्य रखें, सभी को प्रभु श्रीराम का दर्शन मिलेगा। साथ ही यह भी कहा कि श्रद्धालु लाइन से आगे बढ़ें तो उन्हें काफी सहूलियत होगी और वे आसानी से दर्शन कर पाएंगे।