उ0प्र0 विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति के द्वारा लम्बित प्रकरणों की अद्य्तन स्थिति की समीक्षा की गयी
उ0प्र0 विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति के द्वारा लम्बित प्रकरणों की अद्य्तन स्थिति की समीक्षा की गयी
उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय कार्यक्रम समिति के मा0 सभापति हीरालाल के सभापतित्तव में गुरूवार को संगम सभागार में उ0प्र0 विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति में लम्बित प्रकरणों पर जिलास्तरीय विभागीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर अद्य्तन स्थिति की समीक्षा की गयी। बैठक में सभापति ने कहा कि जनप्रतिनिधिगणों के द्वारा जनकल्याण, विकास कार्यों से सम्बंधित या योजनाओं से सम्बंधित जो पत्र लिखे जाते है, उसका निस्तारण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। अगर कुछ पत्र आपके स्तर से या जिले में बजट के अभाव में न हो सके, उस पत्र को या मांग को जल्द से जल्द शासन को प्रेषित करते हुए जनप्रतिनिधिगणों को भी पत्र के माध्यम से अवगत करायें, इसको भी पत्र का निस्तारण माना जायेगा, इससे पत्र लम्बित नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से गम्भीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति व परिवार के चिकित्सा उपचार हेतु अनुदान की व्यवस्था है। इस सम्बंध में मा0 जनप्रतिनिधियों के पास बहुत से पीड़ित व्यक्ति जाते है, इस सम्बंध में पत्र मा0 जनप्रतिनधिगण के द्वारा पत्र प्रेषित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि यह जनकल्याण का काम है, इसमें जो भी कार्रवाई हो, उसे जल्द से जल्द कराकर रिपोर्ट लगा दे, जिससे उन्हें समय से इलाज उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि अधिकारियोें के पास जो भी पीड़ित व्यक्ति अपनी समस्या लेकर आये, उसको वे गम्भीरता के साथ सुने और जो भी आवश्यक कार्यवाही हो, कराना चाहिए, क्योंकि अधिकारी भी आमजनता के लिए जनप्रतिनिधि के समान ही होता है। सभापति ने कहा कि जिस भी विभाग में जनप्रतिनिधिगणों के पत्रों का निस्तारण नहीं हो पाये है, उन्हें एक माह के अंदर निस्तारित करें व इससे विधान परिषद को भी अवगत करायें। इस बैठक में सदस्यगणों के साथ जिलाधिकरी संजय कुमार खत्री, एडीएम सिटी मदन कुमार सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।