संत का आध्यात्मिक जीवन साधना, आत्मज्ञान और सेवा से परिपूर्ण: कैलाशानन्द
संत का आध्यात्मिक जीवन साधना, आत्मज्ञान और सेवा से परिपूर्ण: कैलाशानन्द
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निरंजनी अखाड़े में विज्ञानानन्द गिरि ,साध्वी पुष्पांजलि गिरि बने महामंडलेश्वर
महाकुम्भ नगर,01 फरवरी (हि.स.)। प्रयागराज महाकुम्भ में निरंजनी अखाड़े की छावनी में शनिवार को अखाड़े की परम्पराओं के साथ निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरी महाराज की अध्यक्षता और पंच परमेश्वरो एवं संत महापुरुषों के सानिध्य में स्वामी विज्ञानानन्द गिरि, (आस्ट्रेलिया) और साध्वी पुष्पांजलि गिरि, (वृंदावन )का पट्टाभिषेक कर महामंडलेश्वर की उपाधि से विभूषित किया गया।
निरंजनीपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरि ने कहा कि संत का आध्यात्मिक जीवन साधना, आत्मज्ञान और सेवा से परिपूर्ण होता है। संत अपने जीवन में परमात्मा के साथ एक गहरी और सच्ची एकता स्थापित करने का प्रयास करते हैं। उनके जीवन में भक्ति, ध्यान, साधना और ज्ञान की महिमा होती है। वे अपने व्यवहार, सोच और कर्मों में हर किसी के प्रति प्रेम और करुणा का भाव रखते हैं।
दीदी मां साध्वी ऋतम्भरा को मदर टेरिसा की तरह मदर ऋतम्भरा कहा जाए
अखिल भारतीय अखाडा परिषद एवं माँ मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा को मदर टेरिसा की तरह मदर ऋतम्भरा के नाम से जाना जाये।उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में आस्था (श्रद्धा) का अत्यधिक महत्व है क्योंकि आस्था, केवल विश्वास का नाम नहीं होती, बल्कि यह व्यक्ति की आत्मा के स्तर पर होने वाली एक गहरी अनुभूति और समर्पण का प्रतीक होती है।
पट्टाभिषेक एक अत्यंत महत्वपूर्ण और धार्मिक अवसर
आनंदपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरि महाराज ने कहा कि अखाड़े के आचार्य, अखाड़े के पंच परमेश्वरों और संत महापुरुषों के सानिध्य में हुआ पट्टाभिषेक एक अत्यंत महत्वपूर्ण और धार्मिक अवसर होता है। इस आयोजन में विशेष रूप से अखाड़े के प्रमुख संतों और आचार्यों द्वारा आधिकारिक रूप से संत को उनके तप, समर्पण और धर्म के प्रति उनके निष्ठा के लिए पट्टा (दीक्षा) प्रदान किया जाता है। यह एक गहन आध्यात्मिक प्रक्रिया होती है, जिसमें संत महापुरुषों को एक नई पहचान मिलती है और वह समाज में एक महामंडलेश्वर के रूप में प्रतिष्ठित होता है।
पद की गरिमा और जिम्मेदारियां को पूरी निष्ठा से निभाएंगे
नव नियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानन्द गिरि और महामंडलेश्वर स्वामी साध्वी पुष्पांजलि गिरि ने कहा कि जो पद हमें दिया गया है, हम अपने पद की गरिमा और जिम्मेदारियां को पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण के साथ निभाएंगे।इस अवसर पर अखाड़े के सचिव महंत राम रतन गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी निरंजन ज्योति, महंत ओमकार गिरि, महंत राधे गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी महेश नन्द, महंत दिनेश गिरि, महंत दर्शन भारती, महामंडलेश्वर स्वामी अनपूर्णा भारती, महंत राधे गिरी, स्वामी मीरा गिरी, स्वामी प्रेमानन्द पुरी (अर्जी वाले हनुमान जी उज्जैन), स्वामी अनंतानंता नन्द, स्वामी आदि योगी पुरी,महंत राकेश गिरि, महंत राज गिरिआदि संत-महापुरुष उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल