स्वाधीनता के लिए युवाओं को प्रेरित करने का काम फिल्म ने किया : नरेन्द्र ठाकुर 

नरेन्द्र ठाकुर बोले सरकार को ओटीटी पर नियम बनाना चाहिए

स्वाधीनता के लिए युवाओं को प्रेरित करने का काम फिल्म ने किया : नरेन्द्र ठाकुर 

लखनऊ, 16 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने शनिवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के अटल बिहारी बाजपेई सभागार में अवध चित्र साधना की ओर से आयोजित फिल्म महोत्सव का शुभारंभ किया।

फिल्म महोत्सव को संबोधित करते हुए नरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि फिल्म केवल मनोरंजन का साधन नहीं है। मनोरंजन के साथ ही लोगों को प्रेरणा देने और समाज-जीवन को बदलने और व्यक्ति को प्रभावित करने का काम फिल्म करती है। स्वाधीनता आन्दोलन में सिनेमा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। स्वाधीनता के लिए युवाओं को ​प्रेरित करने का काम फिल्म ने किया। वहीं सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन में भी फिल्मों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सरकार को ओटीटी पर नियम बनाना चाहिए : नरेन्द्र ठाकुर


नरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होने के कारण लोगों को अपना मत व्यक्त करने का अधिकार है लेकिन समाज को ध्यान में रखकर क्या कंटेंट जाना चाहिए क्या नहीं जाना चाहिए। इसलिए ओटीटी पर सरकार को नियम बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज अच्छी फिल्म बन रही है। युवाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। जिस फिल्म में अच्छे कंटेंट नहीं है उसके बारे में बोलना भी चाहिए।

अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख ने कहा कि फिल्म निर्माण में भारतीय दृष्टि होनी चाहिए। भारतीय दृष्टि से आशय समाज का भला जिसमें हो। उन्होंने कहा कि जैसे देवर्षि नारद पत्रकारिता के आदिपुरुष थे। उसी प्रकार दादा साहब फाल्के पहले भारतीय फिल्म निर्माता थे। पहली फिल्म उन्होंने राजा हरिश्चन्द्र पर बनाई थी। हरिश्चन्द्र सत्य के प्रतीक थे। भारत की संस्कृति व देश के लिए अगर परिवार व स्वयं का भी बलिदान देना पड़े तो भी पीछे नहीं हटना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि के रूप में फिल्म निर्माता अतुल पांडे ने कहा कि फिल्म निर्माण में शोध व लेखन बहुत आवश्यक है। अच्छी फिल्मों के लिए शोध परक लेखन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम चाहे तो दुनिया बदल सकते हैं। हम वह कौम है जो चन्द्रमा पर बम फोडते। दुनिया में हर छठा आदमी भारत का है और भारत में हर छठा आदमी उत्तर प्रदेश का है इसलिए अगर हम चाह लें तो कुछ भी कर सकते है।

अवध चित्र साधना के अध्यक्ष डा. गोविन्द पाण्डेय ने बताया कि फिल्म महोत्सव में अलग—अलग विषयों पर 100 फिल्में आयी हैं। फिल्म जगत से जुड़े विद्यार्थियों एवं व्यावसायिक फिल्म निर्माताओं की विभिन्न श्रेणियों में चयन करने के उपरांत उन्हें अवध चित्र साधना की ओर से पुरस्कृत भी किया जाएगा।

अवध चित्र साधना के सचिव अरुण त्रिवेदी ने कहा कि फिल्म महोत्सव का उद्देश्य फिल्म विधा से जुड़े नवोदित विद्यार्थी कलाकारों और फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित करते हुए सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत करते हुए सकारात्मक दिशा प्रदान करना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एन. एम. पी. वर्मा ने की।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष, सह प्रचार प्रमुख मनोज कांत, प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दुबे, सह प्रांत प्रचार प्रमुख डाॅ.लोकनाथ व डाॅ.शचीन्द्र शेखर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।