द प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट समाप्त होना चाहिए : नीरज दौनेरिया

द प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट हिन्दुओं के साथ छलावा

द प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट समाप्त होना चाहिए : नीरज दौनेरिया

महाकुंभनगर, 12 फरवरी (हि.स.)। बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक नीरज दौनेरिया ने कहा कि द प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट समाप्त होना चाहिए। यह एक्ट हिन्दुओं के साथ छलावा है। इसे बनाते समय हिन्दुओं का ध्यान नहीं रखा। इस कानून को पूरी तरह तुष्टीकरण के तहत मुस्लिमों को खुश करने और लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया।

बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक नीरज दौनेरिया ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि हिन्दू युवाओं को देशभक्त,शौर्यवान,साहसी,पराक्रमी और भारत माता एवं धर्म की रक्षा का संकल्प लेकर सम्पूर्ण जीवन जिएं इसके लिए देश के 10 हजार प्रखण्डों में त्रिशूल दीक्षा का संकल्प कराया जायेगा। सनातन के मूल्यों पर सनातन की परम्परा पर अपने सनातनी होने पर अपने हिन्दू होने पर गर्व होना चाहिए कि हम हिन्दू हैं। हमारे सनातनी और हिन्दू जीवन मूल्य हैं, उनका पालन करने की रीति-नीति व संस्कारों पर चलने की आवश्यकता है। इससे ही धर्मान्तरण व लव जिहाद पर रोक लगायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि सनातन के विचार पूरी दुनिया में फैलाने की आवश्यकता है। हम सर्वे भवन्तु सुखिनः व वसुधैव कुटुम्बकम को मानने वाले हैं। सनातन का प्रभाव बढ़ेगा तभी विश्व का कल्याण होगा।

युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति गंभीर संकट

युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति गंभीर संकट के रूप में हमारे सामने है। हिन्दू युवा कमजोर हों,खोखले हों,युवा कमजोर होंगे तो देश कमजोर होगा। इसके लिए नशे का बड़े पैमाने पर क्रय विक्रय हो रहा है। अर्बन नक्सलपंथी युवाओं को संस्कारविहीन करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनसंख्या असंतुलन हिन्दू समाज के अस्तित्व के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। इसलिए हिन्दू युवाओं का उपयुक्त आयु में विवाह करना आज की आवश्यकता है। यदि बच्चों का सम्पूर्ण विकास करना है तो परिवार में कम से कम तीन बच्चे अवश्य होने चाहिए।

यहां सब समरस होकर आये

नीरज दौनेरिया ने कहा कि 2025 का प्रयागराज महाकुंभ 144 वर्षों के बाद आया है। हमारे कोई जरूर ऐसे पुण्य जागृत हुए हैं हमसे जरूर पूर्व जन्म में कोई पुण्य कार्य हुआ है जिसके कारण यहां आ सके और यहां का विहंगम दृश्य देख सके। अपनी इन आंखों से करोड़ों लोगों को संगम की तरफ जाते हुए देखा। बड़े-बड़े संत जिनके नाम हम सुनते हैं जो सनातन के मर्मज्ञ हैं ऐसे महान संतों को उनके अखाड़ों को नागाओं की साज-सज्जा उनके धार्मिक चिन्हों साथ गंगा के ओर जाते हुए गौरव की अनुभूति होती है कि हमारे सनातन में कितनी गर्वानुभूति होती है। महाकुंभ में करोड़ों लोग यहां आये समरस होकर आये। न जाति न पांति। हिन्दुओं को जो बांटने की बात करते हैं। करोड़ों लोग यहां आये। दुनिया में इतना विशाल कोई आयोजन कोई कर नहीं कर सका। यहां सनातन की परम्परा के अनुसार स्वतः आयोजन हो जाता है। बिना किसी निमंत्रण के करोड़ों लोग डुबकी लगाने आते हैं।

महाकुम्भ की व्यवस्था 'न भूतो न भविष्यति'

महाकुम्भ की व्यवस्थाओं के बारे में नीरज दौनेरिया ने कहा कि योगी आदित्यनाथ स्वयं एक संत व सन्यासी हैं। कुंभ का क्या महत्व होता है वह जानते हैं। उन्होंने सहृदयता के भाव से अद्धितीय व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि पहले के कुंभ में हम भी रह चुके हैं लेकिन इतने बड़े पैमाने पर इतनी व्यवस्थाएं पहली बार की गयी हैं। पूरा मेला क्षेत्र साफ सुथरा दिख रहा है। सनातन के प्रति गहरी जानकारी मिल रही है। सनातन की परम्पराओं के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने अद्धितीय व्यवस्थाएं की है। न भूतो न भविष्यति। योगी आदित्यनाथ वर्तमान समय में अपने सनातन के विचारों को लेकर अपने निर्णय को लेकर उन निर्णयों को पालन कराने के मामले में हिन्दू जनमानस के बीच व्यापक जगह बनाई है।