श्रीलंका संकट : संयुक्त सरकार में शामिल होने से विपक्ष का इनकार, परेशान जनता में बढ़ रहा आक्रोश

श्रीलंका संकट : संयुक्त सरकार में शामिल होने से विपक्ष का इनकार, परेशान जनता में बढ़ रहा आक्रोश

कोलंबो, 05 अप्रैल। गंभीर आर्थिक संकट और भारी राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रही श्रीलंका सरकार में शामिल होने से विपक्ष ने इनकार कर दिया है।

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सोमवार को अपने भाई और वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे को सरकार से बर्खास्त कर दिया। उनकी जगह अली साबरी को वित्त मंत्री नियुक्त किया गया है जो रविवार रात तक न्याय मंत्री थे।इधर, केंद्रीय बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड काबराल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आर्थिक संकट से बढ़ते जनाक्रोश से निपटने के लिए राष्ट्रपति ने सभी विपक्षी दलों को एकता मंत्रिमंडल में शामिल होने का न्योता दिया है, लेकिन विपक्ष ने आमंत्रण को ठुकरा दिया।

बासिल राजपक्षे ने मौजूदा विदेशी मुद्रा संकट से निपटने में श्रीलंका की मदद के लिए भारत से आर्थिक राहत पैकेज पर बातचीत की थी। बासिल, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से राहत पैकेज हासिल करने के लिए अमेरिका जाने वाले थे। वह सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) गठबंधन के भीतर भी नाराजगी का केंद्र थे।

इससे पहले रविवार रात 26 कैबिनेट मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद तीन नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। जीएल पेरिस को विदेश मंत्री, दिनेश गुणावर्धने को नए शिक्षा मंत्री और जांसटन फर्नाडो को नए राजमार्ग मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई।

नए मंत्रियों की नियुक्तियां राष्ट्रपति द्वारा सभी दलों को एकता कैबिनेट में शामिल होने का न्योता दिए जाने के बाद हुई हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल 11 पार्टियों में से एक के प्रमुख उदय गम्मनपिला ने नई कैबिनेट को 'नई बोतल में पुरानी शराब' करार दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों को ही अपने नए नेता का चुनाव करना चाहिए, किसी और को नहीं।

इस बीच केंद्रीय बैंक के गवर्नर काबराल ने घोषणा की कि उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफा देने के संदर्भ में गवर्नर पद से इस्तीफा दिया है। उन पर आईएमएफ संरचनात्मक समायोजन सुविधा के जरिये श्रीलंका के लिए आर्थिक राहत मांगने पर अड़ियल रुख अपनाने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने ऐसे समय इस्तीफा दिया है जब देश में मुद्रास्फीति 17.5 फीसदी के पार है। साथ ही इसके और बढ़ने की संभावना है। देश के पास ईंधन का आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार भी नहीं है।

जनता में बढ़ रहा आक्रोश

आर्थिक बदहाली और सत्तारूढ़ राजपक्षे परिवार के खिलाफ जनता में आक्रोश तेजी से बढ़ता जा रहा है। विरोध प्रदर्शन के दौरान जनता राष्ट्रपति समेत पूरे राजपक्षे परिवार से इस्तीफा मांग रही है। दक्षिण श्रीलंका में तांगले स्थित प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के निजी आवास के बाहर एकत्रित हुए करीब 2,000 प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने आवास के नजदीक लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ दिए थे।

पेट्रोल पंपों पर सेना तैनात

कोलंबो में पेट्रोल व डीजल पंपों पर सेना को तैनात कर दिया गया है ताकि लोगों को पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस का स्टॉक करने से रोकने और अफरातफरी की स्थिति से बचाया जा सके। इन पंपों पर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं और लोगों को अपनी बारी के लिए आठ-आठ घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।

भारत से मांगी मदद

सत्तारूढ़ पार्टी एसएलपीपी के एक सांसद एस. करियावासम ने हमेशा श्रीलंका की मदद करने के लिए सोमवार को भारत की सराहना की और गहराते आर्थिक संकट के बीच मदद बरकरार रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि भारत हमारा पड़ोसी है और उसने हमेशा हमारी मदद की है। इस बार भी भारत हमारी मदद कर रहा है।