बहन ने भाई को रोचना लगाकर मनाया भाई-दूज का त्योहार
कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है त्योहार
लखनऊ, 27 अक्टूबर । बहनों ने भाई के माथे पर रोचना कर गुरुवार को भाई-दूज का त्योहार मनाया। यह त्योहार दीपावली के बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। चूंकि इस त्योहार का सम्बंध यम और उनकी बहन यमुना से है, इस कारण से इसको यम द्वितीया भी कहते हैं। मिठाइयों की दुकानों पर भी लोगों की काफी भीड़ दिखी।
त्योहार की चहल-पहल सुबह से ही शुरू हो गई थी। नए परिधान धारण किए महिलाएं और पुरूष राजधानी की सड़कों पर इधर से उधर आते-जाते दिखे। भाई-बहन आपस में मिलकर बहुत खुश हुए। बहुत दिनों बाद छोटे-छोटे बच्चों ने आपस में मिलकर घर में खूब धमा चौकड़ी की। जिनकी बहनें दूर शहराें में थीं और नहीं आ सकती थीं, उन्होंने रोचना भेजकर त्योहार की रस्म पूरी कीं।
चूंकि इस त्योहार पर बहनें अपने भाईयों के घर मिठाई ले जाती हैं, इस कारण से मिठाईयों की दुकानों पर भी महिलाओं और पुरूषों की भीड़ दिखी। मिठाई कहीं 360 रूपए किलो तो कहीं 450 किलों के भाव से मिल रही थी। इस अवसर पर मिठाई वालों ने अपनी दुकानों को सजा भी रखा था।
पौराणिक मान्यता है कि इस तिथि में भाई को बहन के घर जाकर भोजन करना चाहिए, इससे दोनों के जीवन में सुख-समृद्धि, बल और ऐशवर्य की वृद्धि होती है। इस तिथि में यमुना स्नान का भी विशेष महत्व है, मान्यता है कि इस तिथि में युमना जी में स्नान करने से यमलोक का मुंह नहीं देखना पड़ता है।