पुण्यतिथि पर श्रद्धा से याद किये गए सरसंघचालक रज्जू भैया
पुण्यतिथि पर श्रद्धा से याद किये गए सरसंघचालक रज्जू भैया
प्रयागराज, 14 जुलाई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघचालक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया की पुण्यतिथि पर बुधवार को उन्हें श्रद्धा से याद किया गया। इस मौके पर विभाग संघ कार्यालय आनंदा आश्रम सिविल लाइंस में आरएसएस के स्वयंसेवकों ने उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। विभाग प्रचारक प्रयाग डॉ पीयूष ने रज्जू भैया को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर विभाग प्रचारक ने कहा कि रज्जू भैया को तृतीय संघ सरसंघचालक बाला साहब देवरस ने 11 मार्च 1994 को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। संघ के इतिहास में पहली बार यह घटना घटी थी कि सरसंघचालक के जीवित रहते उनके उत्तराधिकारी की घोषणा की गई। रज्जू भैया का जन्म 1922 में बुलंदशहर की सिंचाई कॉलोनी में हुआ था। जहां उनके पिता कुंवर बलबीर सिंह सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता थे। उन्होंने केवल 21 वर्ष की आयु में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिक शास्त्र में एमएससी की उपाधि प्राप्त कर ली थी। पूरे विश्वविद्यालय में उनका एमएससी में दूसरा स्थान था। उसी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वह अध्यापक नियुक्त हुए।
उन्होंने बताया कि सन 1966 में संघ कार्य को आवश्यक गति देने के लिए रज्जू भैया ने स्वेच्छा से भौतिकी शास्त्र के विभागाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया और संघ के प्रचारक बन गए। सन 1978 में वह संघ के सरकार्यवाह बने तथा 1987 तक इस पद पर कार्य करते रहे। स्वास्थ्य कारणों से अपने कनिष्ठ “हो वे शेषाद्रि“ को सरकार्यवाह बनवाकर स्वयं सह सरकार्यवाह के रूप में सरसंघचालक बनने तक 1994 तक कार्य करते रहे। 1999 के फरवरी में प्रवास के क्रम में रज्जू भैया जब पुणे में आए तब अचानक गिर जाने से उनके कमर की हड्डी टूट गई। इसी कारण लखनऊ में सम्पन्न अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में वह उपस्थित नहीं हो सके। बाद में स्वास्थ्य में पूर्ण सुधार न होने और अधिक बोलने में कठिनाई के अनुभव के कारण उन्होंने अपने दायित्व से मुक्त होने का सोचा और 10 मार्च 2000 को केसी सुदर्शन को अपना उत्तराधिकारी मनोनीत करने की घोषणा नागपुर के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में की। 14 जुलाई 2003 को रज्जू भैया का पुणे में स्वर्गवास हो गया।
विभाग प्रचार प्रमुख वसु ने बताया कि श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में भाग कार्यवाह प्रयाग दक्षिण वीर कृष्ण, दक्षिण भाग गौरक्षा प्रमुख राजेश, दक्षिण भाग सेवा प्रमुख सतेन्द्र, कृष्ण मनोहर, मनोज, जगदीश बुंदेला, श्याम नारायण समेत तमाम स्वयंसेवक उपस्थित रहे।