जांबाज मां-बेटी को सलाम जिसने बचाई डूबते युवकों की जान
गंगा में साड़ी डालकर डूब रहे दो युवकों की मां और बेटी ने बचाई जान
भदोही, 15 मई। गोपीगंज कोतवाली के बिहरोजपुर गंगा घाट पर रविवार की सुबह हुए हादसे ने सभी को झकझोर दिया है। गंगा स्नान के दौरान कौलापुर गांव के चार युवकों की मौत से सन्नाटा पसरा है। मई-जून की भांय-भांय करती दोपहरी परिजनों के करुण क्रंदन से सन्नटे को चीर रहीं है। हादसा कुछ ऐसा है कि आंखों के आंसू सूख गए हैं। हर मुंह से निकल रहा है हाय राम! तू ने यह क्या किया।
लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में बिहरोजपुर की जांबाज मां गौतम मिश्रा और उनकी बेटी शिवा ने दो युवकों की जान बचा कर माँ-बेटी ने बड़ी दिलेरी का परिचय दिया है। रविवार की सुबह गोपीगंज कोतवाली के बिहरोजपुर गंगा घाट पर कौलापुर गांव निवासी 8 से 10 युवक स्नान कर रहे थे। गर्मी का मौसम होने से सभी युवक गंगा में स्नान का आनंद उठा रहे थे। घाट से सीधे दौड़ लगाकर गंगा में कूद रहे।
कुछ देर स्नान के दौरान तकरीबन 6 बच्चे गंगा में डूबने लगे। अपने साथियों को डूबते देख सभी युवक शोर मचाने लगे। इस दौरान घाट पर बिहरोजपुर निवासी गौतम मिश्रा और उनकी बेटी शिवा स्नान कर रहीं थीं । शिवा यूवकों को डूबता देख उन्हें तैरकर बचाना चाहती थी, लेकिन पानी अधिक होने के कारण किशोर बेटी को माँ ने रोक खुद बचाने का फैसला किया। लेकिन माँ को गहरे पानी में जाते देख बेटी ने पकड़ लिया। क्योंकि जिस जगह युवक डूब रहे थे वहां पर काफी पानी था।
फिर गौतम मिश्रा ने समय न गवाते हुए पानी में अपनी साड़ी डालकर डूब रहे युवकों से उसे पकड़ने के लिए कहा। इस दौरान आशीष और एक अन्य युवक ने साड़ी पकड़ लिया, जिसके बाद गौतम मिश्रा और उनकी बेटी शिवा उन युवकों को खींचकर गंगा से बाहर निकाल लायी। उन्होंने कहा कि इस दौरान बहाव इतना था कि वह और बेटी भी गंगा की तरफ से की जा रही थी, लेकिन किसी तरह लोगों को बाहर निकाल लाए। लेकिन उन्हें अफ़सोस है कि डूब रहे चार बच्चों को हम बचाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन उनकी जान नहीं बचा पाई, इसका हमें बहुत खेद है। बेटी शिवा को भी इसका दुःख है।
गौतम मिश्रा के अनुसार यहां हर तीसरे साल भयंकर हादसा होता है। आमतौर पर देखा जाता है कि गर्मियों के मौसम में गंगा में पानी कम होता है। बाढ़ चलते गंगा में आंतरिक संरचना में खंडहर बन जाती है। जब पानी कम होता है अंदर गहरी खाई बन जाती है। गंगा में जब लोग नहाने के लिए कुदते हैं तो गहरी खाई में फंस जाते हैं और फिर डूबने के बाद वह निकल नहीं पाते जिसकी वजह से उनकी मौत हो जाती है। जांबाज गौतम मिश्रा और उनकी बेटी शिवा ना होती तो दो लोगों की जान नहीं बच पाती। यह ईश्वर की कृपा है कि मां-बेटी की वजह से दो युवकों को डूबने से बचा लिया गया।