ट्रेन संचालन संरक्षा में चूक पर जिम्मेदारी तय की जाए : महाप्रबंधक
ट्रेन संचालन संरक्षा में चूक पर जिम्मेदारी तय की जाए : महाप्रबंधक
प्रयागराज, 25 अगस्त । महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे प्रमोद कुमार ने आज जोन के वरिष्ठ अधिकारियों आगरा, प्रयागराज और झांसी के मंडल रेल प्रबंधकों संग वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। महाप्रबंधक ने स्पष्ट किया कि ट्रेन संचालन में संरक्षा सर्वोपरि है और संरक्षा मानदंडों के उल्लंघन के प्रत्येक मामले की, यदि वांछित हो तो उच्च स्तर पर जिम्मेदारी निर्धारण के साथ उचित रूप से जांच की जानी चाहिए।
महाप्रबंधक ने कहा कि, यह अधिकारियों और पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षित करें और उनकी क्षमताओं को नियमित रूप से अपग्रेड करें। प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी मनीष गुप्ता ने आपदा प्रबंधन योजना के सम्बंध में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन किया।
कहा कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए खुद को तैयार रखने के लिए हमें खुद को अपडेट और अपग्रेड करना होगा। बैठक में चर्चा की गई कि एआरटी और एआरएमई के रखरखाव पर उचित ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि जब भी जरूरत हो, वे तैयार स्थिति में हों। मंडल रेल प्रबंधकों ने यह भी बताया कि अपनी तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल की जा रही है।
महाप्रबंधक ने निर्देश दिया कि रिस्क मैपिंग एक स्टैटिक प्रैक्टिस नहीं होना चाहिए। सभी मंडलों को अपने मंडलों में संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए, जो आपदा प्रवण हैं। सोशल मीडिया और मोबाइल प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर भी चर्चा की गई ताकि लोगों के बीच चलती ट्रेनों में बोर्डिंग डीबोर्डिंग आदि संरक्षा सम्बंधी प्रथाओं के बारे में जागरूकता प्रसारित की जा सके। ट्रेनों में आग की घटनाओं के मामलों में रेलवे कर्मचारियों द्वारा बचाव और सावधानियों के सम्बंध में उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की गई।
महाप्रबंधक ने कहा कि कार्यशालाओं, निरीक्षणों और संगोष्ठियों के माध्यम से कर्मचारियों को नियमित रूप से इन मुद्दों पर प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। महाप्रबंधक ने यह भी निर्देशित किया कि स्टेशन के कर्मचारियों और अधिकारियों को समय-समय पर नजदीकी अस्पतालों, पुलिस थानों के साथ समन्वय बैठकें करनी चाहिए ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्यवाई हो सके। महाप्रबंधक ने कहा कि किसी भी असामान्य स्थिति में प्राथमिकता कम से कम समय में यातायात बहाल करने की होनी चाहिए, ताकि जनता को न्यूनतम असुविधा के साथ ट्रेन संचालन फिर से शुरू किया जा सके।
बैठक में अन्य मुद्दों जैसे एसेट फेलियर और उन्हें कम करने के लिए उठाए गए कदम, अदालती मामलों की स्थिति और याचिकाओं को कम करने के लिए किए गए उपाय एवं यात्री सुविधाओं से सम्बंधित मदों पर चर्चा की गई। इसी क्रम में महाप्रबंधक ने कहा कि जनता की शिकायतों के निवारण में किसी भी तरह की देरी अस्वीकार्य है। रेल मदद के माध्यम से प्राप्त जनता की शिकायतों का उचित विश्लेषण किया जाना चाहिए और जल्द से जल्द जवाब दिया जाना चाहिए।