सपा विधायक नाहिद हसन को राहत नहीं, जमानत अर्जी खारिज

कहा, जमानत मिलने पर वह गवाहों को धमका सकता है

सपा विधायक नाहिद हसन को राहत नहीं, जमानत अर्जी खारिज

प्रयागराज, 08 जुलाई । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धमकी देने, उकसाने और विश्वासघात मामले में शामली कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन को राहत देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने विधायक की जमानत अर्जी को खारिज कर दी।

कोर्ट ने कहा कि जमानत मिलने पर वह मुकदमें से जुड़े तथ्यों, रिकॉर्डों में छेड़छाड़ और गवाहों को धमका सकता है। इस वजह से उसकी जमानत अर्जी को स्वीकार किए जाने के योग्य नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति समिति गोपाल ने नाहिद हसन की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है।

मामले में सपा विधायक और सह अभियुक्त नवाब के खिलाफ शाहजहां ने 26 सितम्बर 2019 को कैराना थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया। आरोप लगाया था कि नवाब ने उसकी बोलरो गाड़ी को संविदा के आधार पर ली थी। उसने जब महीने में तय की गई राशि का भुगतान नहीं किया तो वह पूछने गई तो उसने इकट्ठा रकम देने की बात कह कर वापस कर दिया। बाद में वह डेढ़ लाख रुपये दे रहा था। जिसे लेने से उसने इंकार कर दिया। पता चला की उसकी बोलरो गाड़ी सपा विधायक के यहां है। वह देखने गई तो विधायक ने उसे फोन पर मारने की धमकी दी और वापस चले जाने को कहा। इसके बाद उसके पति को दिल का दौरा भी पड़ गया। वह भर्ती हो गए। उसने बाद में प्राथमिकी दर्ज कराई।

याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अपराध छोटा है। याची का उससे कोई मतलब नहीं है। शिकायत करने वाले की बोलेरो सह अभियुक्त ने किराए पर ली थी। वह मासिक किराए के भुगतान का जिम्मेदार नहीं है। सियासी व्यक्ति होने की वजह से उसके खिलाफ 17 मामलों में आपराधिक इतिहास बताया गया है लेकिन सभी मामले छोटे हैं। अपराधों का विचारण मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाता है। पक्षकारों ने आपसी समझौता भी किया था। याची जेल में है। जबकि, राज्य के सरकारी अधिवक्ता ने इसका विरोध किया। तर्क दिया कि याची ने शिकायत कर्ता के पति को फोन पर धमकी दी। इसका ऑडियो रिकॉर्डिंग है। पक्षकारों को सुनने के बाद कोर्ट ने याची की जमानत अर्जी को स्वीकार करने से इंकार कर दिया।