मुख्तार अंसारी जेल में रहकर ही विधानसभा चुनाव में ठोकेंगे ताल
मुख्तार अंसारी जेल में रहकर ही विधानसभा चुनाव में ठोकेंगे ताल
बांदा, 11 फ़रवरी । चित्रकूट धाम मंडल कारागार में बंद मऊ सदर विधानसभा के विधायक माफिया मुख्तार अंसारी जेल में रहकर ही ताल ठोकेंगे। इसके लिए मुख्तार के अधिवक्ता ने न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद नामांकन खरीद लिया है। वह सुहेलदेव भारतीय समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
इस बात के पहले से कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्तार अंसारी जेल से ही चुनाव लड़ेंगे लेकिन बहुजन समाज पार्टी व सपा से टिकट न मिलने पर इस बात की आशंका थी कि शायद वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, लेकिन पिछले महीने ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बांदा जेल में आकर मुख्तार अंसारी से न सिर्फ मुलाकात की थी, बल्कि उन्होंने कहा था कि मुख्तार अंसारी उनके पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे और अब मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दरोगा सिंह द्वारा मऊ में नामांकन पत्र खरीद लेने से तय हो गया है कि मुख्तार अंसारी जेल से चुनाव लड़ेंगे।
गौरतलब है कि मंगलवार को विधायक के अधिवक्ता ने एमपी-एमएलए कोर्ट में आवेदन कर नामांकन के लिए सहमति पत्र दाखिल किया था। अधिवक्ता ने कोर्ट से मुख्तार अंसारी के नामांकन के लिए उनके अधिवक्ता, नोटरी वकील, प्रस्तावक, समर्थक व फोटोग्राफर सहित कुल 22 लोगों को बांदा जेल में दाखिल होने की अनुमति मांगी। ताकि उनका दो सेट के नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर एवं उसका सत्यापन बांदा जेल अधीक्षक से कराया जा सके।
गुरुवार को अधिवक्ता ने दो सेट में नामांकन पत्र खरीद कर सियासी गर्मी को बढ़ा दिया। अब लगभग तय है कि मुख्तार अंसारी सुभासपा बैनर से ही चुनावी मैदान में उतरेंगे।
1996 में मऊ सदर सीट से पहली बार विधायक चुने गए मुख्तार अंसारी ने लगातार दो दशकों से अधिक समय तक इस सदर सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। इस सदर सीट पर मुख्तार के तिलिस्म का जादू इस कदर है कि सभी पार्टियां अभी तक इस तिलिस्म को तोड़ने में नाकाम रही हैं। इस सीट पर मुख्तार का प्रभाव कुछ इस कदर है कि वह निर्दलीय भी लड़ जाएं, तब भी उनकी जीत सुनिश्चित मानी जाती है।