मुख्तार अंसारी की कोर्ट में पेशी, सुनवाई के दौरान टीवी और फिजियोथेरेपी की मांग

मुख्तार अंसारी की कोर्ट में पेशी, सुनवाई के दौरान टीवी और फिजियोथेरेपी की मांग

मुख्तार अंसारी की कोर्ट में पेशी, सुनवाई के दौरान टीवी और फिजियोथेरेपी की मांग
बाराबंकी, 29 जून (हि.स.)। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मंगलवार को जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की वीडियो क्रांफ्रेंस के जरिए सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश ने पांच जुलाई तक मुख्तार अंसारी की रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया है, अगली सुनवाई उसी दिन होगी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एंबुलेंस केस की विवेचना कर रहे अधिकारी मौजूद नहीं थे। 
 
मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन के मुताबिक कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्तार ने जेल में टेलीविजन लगवाये जाने की मांग की है। उत्तर प्रदेश मेडिकल बोर्ड ने निर्देश दिए थे कि जेल में रहते हुए भी उसकी रोज फिजियोथैरेपी की जाए लेकिन बांदा जेल प्रशासन आज तक ऐसा नहीं करा रहा है। ऐसे में मुख्तार ने फिजियोथेरेपी की भी सुविधा मांगी है। साथ ही मुख्तार अंसारी ने इस मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार पर उसके साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।
 
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी ने खुद अपनी कई मांगें कोर्ट में रखी। सीजेएम कोर्ट में मुख्तार अंसारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को टीवी की सुविधा दी जा रही है, लेकिन मुझे बांदा जेल प्रशासन बिल्कुल तन्हाई में रखे हुए है, वहां टेलीविजन की सुविधा नहीं दी गई है। ऐसे में अगर आप आदेश कर देंगे तो मुझे जेल में टीवी की सुविधा मिल जाएगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट से इजाजत लेकर मुख्तार ने अपने वकील से भी बात की और पूछा कि जमानत क्यों नहीं हो रही है। जिसके जवाब में वकील ने जवाब दिया कि यह लो एविडेंस केस है। ऐसा राजनीतिक कारणों से हो रहा है। 
इस मामले में बाराबंकी के एसपी यमुना प्रसाद ने कहा कि मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने पांच जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया है। साथ ही केस में बाकी फरार आरोपियों तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।