सीआरपीएफ जवान की मौत के बाद भोजपुर के समरदह गांव में शोक

सीआरपीएफ जवान की मौत के बाद भोजपुर के समरदह गांव में शोक

सीआरपीएफ जवान की मौत के बाद भोजपुर के समरदह गांव में शोक

आरा, 9 नवम्बर । छतीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ के कैंप में रविवार की रात एक जवान की ओर से एके 47 से अंधाधुंध फायरिंग किये जाने के बाद भोजपुर के एक जवान राजमणि यादव की मौत हो गई है।सीआरपीएफ के जवान की मौत के बाद उनके बिहियाँ स्थित समरदह गांव में कोहराम मचा हुआ है।बिहियां थाना क्षेत्र के समरदह गांव निवासी स्व.रामजी सिंह के पुत्र और सीआरपीएफ जवान की एके 47 से की गई फायरिंग में हुई मौत से पूरे जिले में शोक है और लोग देश की सेवा में लगे इस जवान की हत्या से दुखी हैं।शहीद जवान का परिवार फिलहाल जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दुल्हीनगंज बाजार में रह रहा है।छतीसगढ़ के सुकमा जिलान्तर्गत मराईगुडा थाना क्षेत्र के सीआरपीएफ की 50 बटालियन कैम्प में हुई है।

बताया जाता है कि किसी विवाद को लेकर एक जवान द्वारा एके 47 से की गई अंधाधुंध फायरिंग में बिहार के ही तीन अन्य जवानों की मौत हो गई है। एक अन्य राज्य के जवान की भी मौत हुई है।घटना में कुल चार लोग मारे गए हैं।एके 47 से की गई फायरिंग की इस घटना में तीन अन्य जवान घायल भी हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है।घटना की सूचना मिलने के बाद से ही शहीद जवान के घर में कोहराम मच गया है। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया और शोक की लहर दौड़ गयी है।गांव के लोग एक दूसरे से मिलकर घटना की जानकारी लेने में जुटे हुए हैं।सीआरपीएफ के कैम्प में फायरिंग कर जवानों की हत्या करने वाला सीआरपीएफ का जवान रितेश रंजन फिलहाल गिरफ्तार कर लिया गया है।

भोजपुर जिले के समरदह गांव निवासी सीआरपीएफ जवान राजमणि यादव की मौत की सूचना मिलने के बाद उनकी पत्नी रिंकी देवी की चीत्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो उठा है।छठ पर्व की तैयारी के बीच मिली इस मनहूस खबर के बाद सीआरपीएफ जवान की पत्नी, उनके परिवार और ग्रामीणों के बीच शोक की लहर थमने का नाम नही ले रही है।मंगलवार को भी अहले सुबह से समरदह गांव में लोगो का एक दूसरे के साथ बैठकर इस घटना पर शोक जताने का सिलसिला जारी है।गांव में चारो तरफ इस घटना की ही चर्चा है और सभी इस घटना की चर्चा करने में लगे हैं।

परिवार वालों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में तैनात सीआरपीएफ जवान राजमणि यादव 15 नवंबर को गांव आने वाले थे। पत्नी और बच्चों के साथ ही घरवाले भी उनकी राह देख रहे थे। सीआरपीएफ जवान के मित्र विकास ने बताया कि राजमणि यादव दीपावली के मौके पर गांव आने वाले थे। किसी कारण से उनकी छुट्टी स्थगित हो गयी। उसके बाद उन्हें पुनः 15 नवंबर को छुट्टी मिली।ग्रामीणों का कहना है कि जवान की छुट्टी अगर स्थगित नही होती और दीपावली में वे गांव आ गए होते तो उनकी जान नही जाती।

राजमणि यादव की शादी वर्ष 2006 में बक्सर जिले के मड़ियां छपरा गांव की रिंकी के साथ हुई थी। शादी के पांच वर्ष बाद 2011 में उनकी सीआरपीएफ में नौकरी हुई। उसके बाद से ही वे छत्तीसगढ़ में तैनात थे। उनकी दो बेटी और तीन बेटे हैं। बेटियों में सलोनी और प्रिया जबकि बेटों में प्रिंस, सत्यम और शिवम शामिल हैं। ग्रामीण बताते हैं कि बड़ी बेटी सलोनी अभी 10 साल की है, जबकि प्रिया 8 साल की। राजमणि दोनों ही बेटियों को डॉक्टर बनाना चाहते थे। सलोनी और प्रिया ने पिता के सपनों को पूरा करना चाहती हैं। राजमणि यादव दो भाइयों में छोटे थे।