गुड़ और चने के नियमित सेवन से दूर होगी खून की कमी

गुड़ और चने के नियमित सेवन से दूर होगी खून की कमी

गुड़ और चने के नियमित सेवन से दूर होगी खून की कमी
प्रयागराज, 30 जून। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र द्वारा फाफामऊ के मातादीन का पूरा में 'महिला स्वास्थ्य एवं समुदाय पोषण जागरूकता कार्यक्रम’ में महिलाओं और बालिकाओं के व्यक्तिगत स्वास्थ्य, पोषण और संतुलन आदि पर प्रकाश डाला। महिलाओं में खून कमी को दूर करने हेतु भोजन में नियमित रूप से गुड़ व चना के सेवन पर बल दिया।
 
इस अवसर पर समन्वयक प्रो.रुचि बाजपेई ने ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य शिक्षा व आत्मनिर्भरता पर चर्चा की। उन्होंने महिलाओं को कोरोना वायरस से बचाव हेतु टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया। कहा कि उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के माध्यम से प्रदेश के अधिसंख्य जन समुदाय में उच्च शिक्षा, ज्ञान और रोजगार परक कौशलों के विकास की दिशा में कार्य कर रहा है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क विकास करता है। इसी के दृष्टिगत आज का यह कार्यक्रम महिलाओं के स्वास्थ्य और समुदाय पोषण के सम्बंध में जागरूकता के लिए विश्वविद्यालय के स्थापित महिला अध्ययन केंद्र के तत्वावधान में आयोजित किया गया।  
 
महिला अध्ययन केंद्र की अन्य पदाधिकारियों ने हरे पत्तेदार सब्जियों प्रोटीन युक्त पदार्थ जैसे दूध मछली अंडा पनीर आदि का प्रयोग आवश्यक बताया। गर्भवती महिलाओं को अपने भोजन में 70 से 75 ग्राम प्रोटीन नियमित रूप से लेने की सलाह दी। कहा कि खट्टे फलों का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। सदस्यों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शकुंतला देवी से बातचीत कर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के मामले में उनकी राय ली। वहां उपस्थित 5 वर्ष से ऊपर के बच्चों को मध्यान्ह भोजन, संतुलित एवं पौष्टिक आहार आदि के बारे में बताया गया।
जागरूकता शिविर में प्रो. रुचि बाजपेई के साथ डॉ श्रुति, डॉ मीरा पाल तथा डॉ साधना श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।