आईआईटी दिल्ली ने अपने 55वें दीक्षांत समारोह में 2,656 स्नातक छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए

आईआईटी दिल्ली ने अपने 55वें दीक्षांत समारोह में 2,656 स्नातक छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए

आईआईटी दिल्ली ने अपने 55वें दीक्षांत समारोह में 2,656 स्नातक छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए

नई दिल्ली, 10 अगस्त । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली ने शनिवार को अपने 55वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में 2,656 स्नातक छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए। समारोह में जुबिलेंट भरतिया समूह के संस्थापक और सह-अध्यक्ष तथा 1979 बैच के आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र हरि एस भरतिया बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।

आईआईटी दिल्ली के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष हरीश साल्वे ने पूर्व छात्रों को विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार और स्नातक छात्रों को संस्थान पदक प्रदान किए।

इस मौके पर अपने संबोधन में हरि एस. भरतिया ने डिग्री प्राप्त करने वालों से उद्यमिता की भावना और नवाचार की मानसिकता को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दुनिया को ऐसे व्यक्तियों की आवश्यकता है जो रचनात्मक सोच और निर्णायक कार्रवाई के माध्यम से सभी बिंदुओं को जोड़ सकें। भरतिया ने कहा कि जोखिम लेने से न डरें। अपने रास्ते में आने वाली अनिश्चितताओं को स्वीकार करें। दुनिया तेजी से बदल रही है और सीखने और अनुकूलन करने की क्षमता आपकी सबसे बड़ी संपत्ति होगी।

स्नातक करने वाले छात्रों में से 25 प्रतिशत छात्राएं हैं। दीक्षांत समारोह में 481 पीएचडी स्नातकों को डिग्री प्रदान की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह संस्थान के शोध पर जोर का भी प्रमाण है। 481 भी अब तक की सबसे अधिक संख्या है। इस वर्ष कुल पीएचडी स्नातकों में से 42 प्रतिशत छात्राएं हैं।

दीक्षांत समारोह में इंजीनियरिंग फिजिक्स में बी.टेक. मानस चौधरी को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक. दिव्यांश अग्रवाल को डायरेक्टर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

डॉ. शंकर दयाल शर्मा (भारत के पूर्व राष्ट्रपति) स्वर्ण पदक अंजलि कुमारी को प्रदान किया गया, जो इंस्ट्रूमेंट टेक्नोलॉजी में एम.टेक. स्नातक हैं। परफेक्ट टेन गोल्ड मेडल पांच छात्रों को प्रदान किया गया, जबकि संस्थान रजत पदक 16 अन्य को प्रदान किया गया।

बी.टेक. डिग्री प्राप्त करने वाले 20 वर्ष से कम आयु के कवीश कुमार इस वर्ष स्नातक करने वाले सबसे कम उम्र के छात्र हैं, जबकि पीएचडी प्राप्त करने वाले 63 वर्षीय सुनील कुमार गुलाटी सबसे उम्रदराज छात्र हैं।

दीक्षांत समारोह में 28 अंतरराष्ट्रीय छात्रों (एम.टेक. 23; पीएचडी-04; और एमएस रिसर्च-01) ने भी अपनी डिग्री प्राप्त की। इनमें सूडान और इथियोपिया से 4-4, तंजानिया और युगांडा से 3-3, बांग्लादेश और बुर्किना फासो से 2-2 और अमेरिका और वेनेजुएला आदि सहित कई अन्य देशों से 1-1 छात्र शामिल हैं।