आजाद पार्क से अतिक्रमण हटाने के प्रशासन की रिपोर्ट से हाईकोर्ट नाखुश

कहा, अभी अवैध निर्माण मौजूद, फिर माँगा हलफनामा

आजाद पार्क से अतिक्रमण हटाने के प्रशासन की रिपोर्ट से हाईकोर्ट नाखुश

प्रयागराज, 08 अक्टूबर । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज स्थित चंद्र शेखर आजाद पार्क में 1975 के बाद के अवैध निर्माण हटाने की सरकार की रिपोर्ट को संतोषजनक नहीं माना। याची ने भी कहा अभी भी बहुत से अवैध निर्माण पार्क के अंदर मौजूद हैं।

इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से इलाहाबाद लेडीज क्लब बनाम जितेंद्र नाथ सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पालन पर हलफनामा मांगा है। और पूछा है कि क्या 1975 के बाद के पार्क के भीतर के सभी अवैध निर्माण हटाये जा चुके हैं। कोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट की प्रति याची को आपत्ति देने के लिए सौंपने का भी निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।

यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने जितेन्द्र सिंह बिसेन की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के अरुण कुमार केस में पार्क से अतिक्रमण हटाने के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। जिस पर कोर्ट ने पार्क अधीक्षक, जिला प्रशासन, पीडीए, नगर निगम प्रयागराज से जानकारी मांगी थी कि पार्क कानून बनने की तिथि से पहले पार्क में कितने निर्माण थे। और उसके बाद कितने निर्माण कार्य किये गए हैं।

रिकार्ड के अभाव में कोई विभाग इसकी जानकारी नहीं दे सका। तो कोर्ट ने कमिश्नर सहित सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को तलब किया। जिसके बाद कुछ निर्माण हटाये गये। और कहा गया कि सारे अवैध निर्माण हटा दिये गये है। याची ने इस पर आपत्ति की और कहा कि सभी अवैध निर्माण नहीं हटाये गये है। अब कोर्ट ने हलफनामा मांगा है कि क्या वास्तव में सभी अवैध निर्माण हटा दिये गये हैं।