'पराक्रम दिवस' पर वाद-विवाद प्रतियोगिता में गोल्डेन जुबिली स्कूल बना विजेता
'पराक्रम दिवस' पर वाद-विवाद प्रतियोगिता में गोल्डेन जुबिली स्कूल बना विजेता
प्रयागराज, 23 जनवरी। जगत तारन गोल्डेन जुबिली स्कूल के ‘रबिंद्रालय प्रेक्षागृह’ में गोल्डेन जुबिली स्कूल तथा बंगाली सोशल एण्ड कल्चरल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में स्वर्ण जयंती समारोह के क्रम में सोमवार को ‘पराक्रम दिवस’ (सुभाष चंद्र बोस की जयंती) पर अंतर्विद्यालयी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतियोगिता का विजेता जगत तारन गोल्डेन जुबिली स्कूल रहा। जबकि द्वितीय स्थान पर टैगोर पब्लिक स्कूल तथा तृतीय स्थान पर पतंजलि ऋषिकुल रहा।
उक्त प्रतियोगिता में प्रयागराज के 14 विद्यालयों के 28 प्रतिभागियों ने ‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी की भूमिका महत्वपूर्ण थी, लेकिन निर्णायक नहीं’ विषय पर प्रतिभाग कर अपनी वैचारिक प्रतिभा का परिचय दिया। प्रत्येक स्कूल से पक्ष एवं विपक्ष में एक-एक छात्र ने अपने विचार रखे। प्रतिभागियों का मूल्यांकन विचार प्रस्तुति, विषयवस्तु, उच्चारण, साक्ष्य व तर्क प्रस्तुति के आधार पर किया गया। तीनों टीमों को ट्राफी एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही सर्वश्रेष्ठ वक्ता; पक्ष गरिमा ठाकुर, सर्वश्रेष्ठ वक्ता; विपक्ष अनुष्का सिंह, सर्वश्रेष्ठ अवरोधक विभव त्रिपाठी चुने गये।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोविन्द बल्लभ पन्त सोशल सांइस इन्स्टीट्यूट के सामाजिक इतिहास व सांस्कृतिक विज्ञान के निदेशक प्रो. बद्री नारायण तिवारी रहे। उन्होंने प्रतिभागियों के वाचन कौशल और आत्मविश्वास की प्रशंसा की तथा सीख दी कि जीवन एक संवाद है और वाद-विवाद उसका एक सशक्त माध्यम। प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में माया बाजपेयी, सेवानिवृत्त शिक्षिका अंग्रेजी विभाग एस.एस खन्ना गर्ल्स डिग्री कालेज की अंग्रेजी विभाग की प्रो डॉरिया मुखर्जी, ध्रुवराज शर्मा प्रसिद्ध शिक्षाविद् आदि सम्मिलित रहे।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय की प्रधानाचार्या सुष्मिता कानूनगो एवं बंगाली सोशल एण्ड कल्चरल एसोसिएशन के सचिव शंकर चटर्जी ने दिया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबन्धन समिति के सचिव संजीव चंदा, उपाध्यक्ष प्रो असीम मुखर्जी, उपाध्यक्ष डॉ प्रोबाल नियोगी, अमित नियोगी, सुब्रतो सेन, बंगाली सोशल एण्ड कल्चरल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज बनर्जी, एवं विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाएं तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।