पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उसके बेटों की अग्रिम जमानत की मांग खारिज

कोर्ट ने कहा, याची डिस्चार्ज एप्लीकेशन देता है तो दो माह तक उनके खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी

पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उसके बेटों की अग्रिम जमानत की मांग खारिज

प्रयागराज, 16 मई । पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उसके बेटों को अग्रिम जमानत देने की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। परंतु याची की इस मांग को स्वीकार कर कहा यदि वे निचली अदालत में डिस्चार्ज की अर्जी देते हैं तो दो माह तक उनके खिलाफ किसी भी प्रकार के उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक रहेगी। कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की पीठ ने अफजल व चार अन्य की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है। पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उनके चार बेटों ने अपने खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत जिला सहारनपुर के मिर्जापुर थाने में दर्ज एफआईआर के खिलाफ अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी। याचियों की ओर से कहा कि अफजल, आलीशान के खिलाफ दो-दो आपराधिक मामले और जावेद के खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं। जबकि, हाजी इकबाल उर्फ बल्ला के खिलाफ चार और याची अब्दुल वाजिद के खिलाफ पूरा गैंग चार्ट है। हालांकि, सक्षम न्यायालय द्वारा याचियों के खिलाफ पहले से दर्ज आपराधिक मामलों में जमानत दी जा चुकी है।

इस मामले में सरकारी अधिवक्ता की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया गया। कहा गया कि याची अपराधी प्रकृति के हैं। उनका आपराधिक इतिहास है। उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी हो चुका है। याचियों की ओर से राहत पाने के लिए हाईकोर्ट के समक्ष पहले भी अर्जी दाखिल हो चुकी है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि याचियों के अधिवक्ता की ओर से अग्रिम जमानत दिए जाने का कोई ठोस आधार नहीं प्रस्तुत किया जा सका। लिहाजा, अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज किया जाता है।