महंत नरेन्द्र गिरी मामले में सीबीआई ने कोर्ट में लाई डिटेक्टर के लिए अर्जी दाखिल की

महंत नरेन्द्र गिरी मामले में सीबीआई ने कोर्ट में लाई डिटेक्टर के लिए अर्जी दाखिल की

महंत नरेन्द्र गिरी मामले में सीबीआई ने कोर्ट में लाई डिटेक्टर के लिए अर्जी दाखिल की

प्रयागराज, 12 अक्टूबर । महंत नरेन्द्र गिरी की संदिग्ध मौत मामले में सीबीआई 18 दिन की जांच के बाद भी आरोपियों से कोई राज उगलवा नहीं सकी है। अब सीबीआई आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट यानी पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है। सीबीआई ने आरोपियों आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए प्रयागराज के सीजीएम कोर्ट में मंगलवार को अर्जी दाखिल कर दी है।

सीबीआई की ओर से दाखिल अर्जी पर मुख्य आरोपी आनंद गिरी के वकील विजय द्विवेदी ने अदालत से समय मांगा है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में वे अपने मुवक्किल से पहले बातचीत करेंगे। उनकी मनोदशा देखने और उनकी सहमति के बाद ही कोर्ट को अवगत कराएंगे।

वकील विजय द्विवेदी के मुताबिक पांच मई 2010 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक अभियुक्त की सहमति के बगैर पॉलीग्राफ टेस्ट नहीं कराया जा सकता है। उनके मुताबिक कोर्ट ने 18 अक्टूबर की तारीख लगाई है। सीबीआई की अर्जी पर सीजेएम कोर्ट 18 अक्टूबर को बहस के बाद ही इस मामले में कोई फैसला लेगी।

सीबीआई अब तक तीनों आरोपियों के अलावा श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के कर्मचारियों और सेवादारों तथा सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ कर चुकी है। इसके साथ ही महंत नरेंद्र गिरी और आनंद गिरी के बीच समझौता कराने वाले दो नेताओं और एक पुलिस अधिकारी से भी सीबीआई ने पूछताछ की है। लेकिन इसके बावजूद अभी तक सीबीआई किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।

सीबीआई ने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सीजेएम हरेन्द्र नाथ की कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। माना जा रहा है कि सीजेएम कोर्ट आरोपियों से उनकी राय जानने और उनके वकील की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाएगी। आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए उनके सहमति लेना जरूरी है। हालांकि आनंद गिरि अपने को बेगुनाह साबित करने के लिए लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए मौखिक रूप से सहमति जता चुके हैं। वकील विजय द्विवेदी का दावा है की सीबीआई जांच में अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए आनंद गिरि पॉलीग्राफ टेस्ट से पीछे नहीं हटेंगे।