उदयपुर की घटना को लेकर उबाल, विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया
मुस्लिम महिला फाउण्डेशन, विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच संयुक्त राष्ट्र संघ को लिखेंगे चिट्ठी
वाराणसी, 30 जून। राजस्थान के उदयपुर की घटना को लेकर लोगों का गुस्सा थम नहीं रहा। इस्लाम के नाम पर भारत सहित पूरी दुनिया में हिंसा फैलाने वाले तालीबानी मानसिकता के खिलाफ गुरुवार को शहर में विभिन्न संगठनों ने धरना प्रदर्शन कर आक्रोश जताया।
इस दौरान वक्ताओंं ने कहा कि आतंकवादी संगठनों के खिलाफ किसी मुस्लिम धर्मगुरु और उनकी संस्था ने आज तक कोई फतवा न जारी किया और न ही उनके खिलाफ खड़े हुए। इनकी चुप्पी इस्लामी आतंकवादियों के हौसले बुलन्द करते रहे। कभी इन्होंने अलकायदा, जैश–ए–मुहम्मद, लश्कर–ए–तैयबा और दावत–ए–इस्लामी के खिलाफ कुछ नहीं कहा, जबकि इस्लाम के नाम पर आतंकवादी संगठन चला रहे हैं और मुहम्मद साहब का नाम बदनाम कर रहे हैं। लमही के सुभाष मंदिर परिसर में मुस्लिम महिला फाउण्डेशन, विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के शीर्ष नेताओं ने संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीवास्तव के नेतृत्व में धरना दिया।
धरना में शामिल वक्ताओं ने कहा कि इस्लामी जिहादियों के समर्थक भी आतंकवादी है। धर्म के नाम पर धमकी देने वालों और हिंसा करने वालों पर आतंकवाद की धारा लगाई जाये। हाथों में तख्तियां लेकर धरने पर बैठे सामाजिक संगठनों के नेताओं ने एक स्वर में उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या करने वालों और उनके ज्ञात-अज्ञात समर्थकों और सहानभूति रखने वालों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की। तख्ती पर लिखा था 'कन्हैया लाल हम तुम्हारी हत्या भूल नहीं पाएंगे, आतंकवादियों तुम्हारी कब्र खुदेगी हिन्दुस्तान की धरती पर।
धरना में शामिल नाज़नीन अंसारी ने कहा कि जिन्होंने नारा लगाया था कि सर तन से जुदा, उनके ही नारों का प्रभाव है। उदयपुर में दो आतंकियों द्वारा कन्हैया लाल की गला और हाथ काटकर घृणित हत्या की गई। आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अब चुप नहीं बैठेंगे। ये दुनिया के दुश्मन हैं, इन्होंने इस्लाम के रसूल के नाम पर गला काटा है, इनको दोजख में भी जगह नहीं मिलेगी। दोनों हत्यारों को फांसी की सजा हो और इनकी लाशों को समुद्र में बहा दिया जाए।
कहा कि भारत की धरती पर इनको दफन के लिए भी जमीन नहीं दी जाए। इनके पीछे जितने भी लोग हैं, सभी को आतंकवाद कानून के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। धरना में संगठनों के नेताओं ने कहा कि इस मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ को चिट्ठी लिखेंगे और मांग करेंगे कि वहशी दरिन्दों को धर्म के नाम पर आतंक फैलाने से रोका जाए।
धरना में नजमा परवीन, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पूर्वांचल संयोजक मो. अजहरुद्दीन, काशी प्रांत संयोजक मौलाना शफीक अहमद मुजद्दीदी, विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव अर्चना भारतवंशी, सूरज चौधरी, सहाबुद्दीन, सुनीता श्रीवास्तव, पूनम श्रीवास्तव, मैना देवी, रमता श्रीवास्तव, प्रभावती देवी, धनेसरा, किरन, गीता, सरोज, किशुना देवी आदि शामिल रहे।