इलाहाबाद विश्वविद्यालय अब देगा रोजगारोन्मुखी शिक्षा
18 सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू, कोई भी ले सकता है दाखिला
प्रयागराज, 14 जून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्किल इंडिया विजन के तहत इलाहाबाद विश्वविद्यालय अब विद्यार्थियों के साथ आम लोगों को भी रोजगार आधारित शिक्षा प्रदान करेगा। विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की प्रेरणा से पंद्रह सप्ताह के कुल 18 कौशल आधारित सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य आम लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उन्हें सुसंस्कारित कर एक बेहतरीन इंसान बनाना भी लक्ष्य है।
खास बात यह है कि इन कोर्सां में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ ही कोई भी व्यक्ति दाखिला ले सकता है। प्रवेश के लिए न उम्र की सीमा है और न ही प्रतिदिन विश्वविद्यालय आने की बाध्यता। विद्यार्थी ऑनलाइन ही पाठ्यक्रम पूरा कर सकेगा। सभी पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के आधार पर विकसित किया गया है।
इविवि की जनसम्पर्क अधिकारी प्रो्र जया कपूर के मुताबिक सर्टिफिकेट प्रोग्राम में भारतीय संस्कृति और विरासत (इंडियन कल्चर एंड हैरिटेज), कम्प्यूटर अनुप्रयोग (कंप्यूटर अप्लीकेशन), बुनियादी इलेक्ट्रॉनिक्स (बेसिक इलेक्ट्राॅनिक्स), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस), विज्ञान और प्रौद्योगिकी में खोजें (डिस्कवरीज इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी), विदेशी भाषाएं : फ्रेंच, जर्मन, मंदारिन, रूसी (फॉरेंन लैंग्वेज : फ्रेंच, जर्मन, मंदारिन एंड रसियन), भारतीय संविधान के मूल सिद्धांत (बेसिक प्रिंसिपल्स ऑफ इंडियन कांस्टीट्यूशन), भारतीय इतिहास का परिचय (इंट्रोडक्शन टू इंडियन हिस्ट्री), वित्तीय निवेश रणनीतियां (फिनेंशियल इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजीज), संगीत (सितार), संगीत (तबला), औषधीय पौधे (मेडिसिनल प्लांट), स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण और योग (हेल्थ, हाइजीन, न्यूट्रीशन एंड योगा), मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल हेल्थ), बेकरी और कन्फेक्शनरी तकनीक, पुष्प सज्जा कला (फ्लोरिट्री आर्ट), कढ़ाई कौशल : हाथ से डिजिटल तक (इंब्रोइडरी स्किल : हैंड टू डिजिटल) एवं सिलाई कौशल (स्टिचिंग स्किल) है।
--भारतीय संस्कृति, इतिहास एवं संविधान को समझेंगे
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भारतीय संस्कृति और इतिहास के बारे में पढ़ाया जाएगा। जिससे सामान्य आदमी भारतीय संस्कृति एवं उसके गौरवमयी इतिहास को जान सके। वहीं, भारतीय संविधान के मूल तत्वों को भी उन्हें पढ़ाया जाएगा जिससे वे विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान की बारीकियों को जानकर एक सुसंस्कारित इंसान बन सकें। इससे वे संविधान में वर्णित अपने अधिकारों को जान सकेंगे और समय आने पर इसी जानकारी से अन्य व्यक्तियों को न्याय दिला सकेंगे।
-विदेशी भाषाएं खोलेंगी रोजगार के द्वार
विश्वविद्यालय में रोजगारोन्मुखी विदेशी भाषाओं में भी सर्टिफिकेट प्रोग्राम करवाए जाएंगे। इसमें फ्रेंच, जर्मन, मंदारिन, रूसी प्रमुख हैं। इन भाषाओं को सीखने के बाद कोई भी विद्यार्थी देश-विदेश में अपने अनुरूप रोजगार सृजित करने में समर्थ होगा। इस पाठ्यक्रम को भारतीय सेना के अधिकारियों और रोजगार के लिए विदेश जा रहे लोगों की जरूरत के अनुसार विकसित किया गया हे, जिससे वे लाभान्वित हो सकेंगे।
-लोगों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना लक्ष्य
विश्वविद्यालय ने बुनियादी इलेक्ट्रॉनिक्स, सिलाई-कढ़ाई, बेकरी और कन्फेक्शनरी तकनीक के साथ पुष्प सज्जा कला में भी सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। इनका मकसद क्षेत्र के लोगों में ज्यादा से ज्यादा स्किल विकसित करना है जिससे वे स्वरोजगार की ओर अपना कदम बढ़ा सकें।
-स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आएगी, सीखेंगे निवेश के तरीके
विश्वविद्यालय में औषधीय पौधे के प्रति जागरूकता लाने के लिए भी सर्टिफिकेट प्रोग्राम प्रारम्भ किया गया है। वहीं, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण और योग के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी सर्टिफिकेट प्रोग्राम करवाए जा रहे हैं। इससे लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगे। आर्थिक साक्षरता के लिए फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट से जुड़ा सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।
-ऐसे ले सकेंगे प्रवेश
प्रो. जया कपूर ने बताया कि सर्टिफिकेट प्रोग्रामों में वर्ष में दो बार प्रवेश होंगे। इन पाठ्यक्रमों में अगस्त के प्रथम सप्ताह तक एवं जनवरी में द्वितीय सप्ताह तक प्रवेश ले सकेंगे। इस सम्बंध में समस्त जानकारी प्रवेश भवन से प्राप्त की जा सकती है।
-फीस भी कम, रोजगार के अवसर अधिक
विश्वविद्यालय में स्किल आधारित कई पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। इन सर्टिफिकेट प्रोग्राम में केवल पांच हजार रुपये में पंजीकरण करवाकर दक्षता हासिल की जा सकती है। पाठ्यक्रमों को रोजगारपरक बनाया गया है। सभी पाठ्यक्रम लोगों की जरूरत को समझकर प्रारम्भ किए गए हैं।