दीपावली पर लखनऊ में लगेगा माटी कला का बड़ा मेला
चाक उपलब्ध कराने के बाद योगी सरकार कारीगरों को देगी सांचा, भट्टियां भी बनवाएगी
लखनऊ, 08 सितंबर । पारंपरिक माटी कला को बेहतर बनाने और करीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दीपावली पर राजधानी लखनऊ में माटी कला का बड़ा मेला लगाएगी। इस मेले में शहरी लोगों को भी माटी कला के उत्पादों को खरीदने का मौका मिलेगा। कारीगरों को भी मेले में होने वाली बिक्री से काफी लाभ मिलेगा।
ये बातें माटीकला बोर्ड के महाप्रबंधक और अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बुधवार को यहां कही। वह उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड की ओर से संचालित माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम में मण्डल स्तरीय माटी कला पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। उन्होंने यहां लगाई गई मूर्तिकला प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई मूर्तियों को देखा और करीगरों की सराहना भी की।
जिला ग्रामोद्योग कार्यालय परिसर, कैंट रोड कैसरबाग में आयोजित समारोह में माटीकला बोर्ड के महाप्रबंधक और अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने प्रदेश के छह माटीकला कारीगरों को पुरस्कृत किया। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि मिट्टी के कारीगरों को बिजली के चाक उपलब्ध कराने के बाद अब सरकार मूर्तियों को बनाने के लिए सांचे भी उपलब्ध कराएगी। गांव में मिट्टी के करोबार से जुड़े कारीगरों को पट्टे दिलाने के साथ उनके लिए भट्टियां भी बनवाएगी।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार पारंपरिक मिट्टी कला को प्रोत्साहित कर रही है। कारीगरों के समग्र विकास की योजनाएं प्रदेश भर में संचालित हैं। उन्होंने कहा कि अब पारंपरिक मिट्टी से मूर्तियां बनाए जाने का काम यूपी में बड़ी तेजी से किया जा रहा है। इसका सीधा लाभ मिट्टी के कारीगरों को मिला है। करीगरों के करोबार को बढ़ाने के लिए उनको बैंक से ऋण दिलाने और उनकी ओर से निर्मित मूर्तियों की मार्केटिंग करने की भी व्यवस्था बनाई है।
उन्होंने कहा कि बहुत जल्द राजधानी लखनऊ में एक बड़ा मेला माटी कला का लगावाया जाएगा, जिसमें शहर के लोग मिट्टी के उत्पादों की खरीदारी कर सकेंगे। यह मेला दीपावली के अवसर पर लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार माटी कला रोजगार स्कीम के तहत कारीगरों को ट्रेनिंग दे रही है और उसने कॉमन फेसिलिटी सेंटर भी स्थापित किये हैं, जिससे करीगरों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
इन करीगरों को मिला सम्मान
वर्ष 2019-20 के लिए प्रथम पुरस्कार गंगारामपुर हरदोई के दिलीप कुमार को, द्वितीय पुरस्कार चिनहट लखनऊ के कल्लू को और तृतीय पुरस्कार कुम्हार मंडी तेलीबाग की राजरानी को दिया गया। वर्ष 2020-21 के लिए प्रथम पुरस्कार सुराखन खेड़ा उन्नाव के प्रदीप प्रजापति, द्वितीय पुरस्कार लौंगाखेड़ा लखनऊ के धनेश कुमार को और तीसरा पुरस्कार कृष्णानगर उन्नाव के संजय कुमार को प्रदान किया गया। कार्यक्रम में परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी एल के नाग समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
लाभार्थी बोले, योगी सरकार में मिला मान-सम्मान
सरकार के प्रोत्साहन से हमारा पुश्तैनी काम जो निष्क्रीय हो चुका था, उसे पुनः सुचारू रूप से चालू किया गया है। परिवार का मान-सम्मान तो बढ़ा ही है, साथ में समाज में जीने का गौरव भी मिला है।
-दिलीप कुमार गंगापुर, हरदोई
पूर्व की सरकारों ने मूर्तिकला और उसके कारीगरों पर कभी ध्यान नहीं दिया। जब से योगी सरकार आई तब से मिट्टी कला के कारीगरों को फिर से लाभ मिलना शुरू हुआ। सरकार की योजनाओं से फिर से करोबार स्थापित हुए हैं।
-कल्लू (अय्यूब), लखनऊ
तेलीबाग कुम्हार मण्डी जो कभी मिट्टी कला की मूर्तियों से भरी रहती थी। पूर्व की सरकारों में कभी आगे नहीं बढ़ पाई। योगी सरकार के आने के बाद फिर से बाजार में रोनक लौटी है। करीगरों को लाभ भी मिलना शुरू हुआ है।
-राजरानी, लखनऊ
योगी सरकार में कुम्हारों को चाक बांटे गये। ऐसा पिछली सरकरों में कभी नहीं हुआ। मूर्तिकला को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण के साथ उनको रोजगार के अवसर दिये। अब बैंक से लोने देने की नई व्यवस्था शुरू होने से भी काफी लाभ मिलेगा।
-प्रदीप प्रजापति, उन्नाव