शहीदों के शहादत दिवस पर एसआरएन स्थित शहीद रोशन सिंह के शहादत स्थल पर सभा की गयी

शहीदों के शहादत दिवस पर एसआरएन स्थित शहीद रोशन सिंह के शहादत स्थल पर सभा की गयी

शहीदों के शहादत दिवस पर एसआरएन स्थित शहीद रोशन सिंह के शहादत स्थल पर सभा की गयी

19 दिसम्बर। नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन की ओर से काकोरी काण्ड के शहीदों के शहादत दिवस पर एसआरएन स्थित शहीद रोशन सिंह के शहादत स्थल पर सभा की गयी। नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने शहादत स्थल पर क्रान्तिकारी गीत प्रस्तुत किये और रामप्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक़उल्ला खां, राजेन्द्र लाहिड़ी और रोशन सिंह की विरासत से लोगों को परिचित कराया।

दिशा छात्र संगठन की ओर से प्रसेन ने कहा कि ‘एचआरए’ संगठन में रामप्रसाद बिस्मिल और अशफ़ाकल्ला खां हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक थे | उनका मानना था कि भारत में आजादी की पहली शर्त ही हिन्दू-मुस्लिम एकता पर टिकी है। आज तमाम चुनावी पार्टी से लेकर कट्टरपंथी संगठन हमारे समाज को जात-धर्म के नाम पर बांटने में लगे हुए है। ये कट्टरपंथी भड़काउ भाषण देकर जनता को आपस में लड़वाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते है आगे उन्होंने कहा की इनकी राजनीति को समझना चाहिए और आपस में न लड़कर अपने हक-अधिकारों के लिए आवाज उठनी चाहिए। यहीं काकोरी शहीदों का सपना था जिसको पूरा करने के लिए आज हर इंसाफपसन्द छात्र-युवा को आगे आना चाहिए।


शाम के समय नौभास और दिशा की ओर से दरियाबाद में जगह-जगह नुक्कड़ सभाएं करके इन क्रान्तिकारियों के विचारों से लोगों को परिचित कराया गया।
सभा में ‘कारवां चलता रहेगा’, ‘तोड़ो बन्धन तोड़ो’ आदि क्रान्तिकारी गीत पेश किये गए। इस दौरान अविनाश, धर्मराज, नीशु, शिवा, अम्बरीश, अमित, उमर, साहिल, सचिन आदि मौजूद रहे।